BSP MP Shyam Sundar Yadav In Parliament: लोकसभा में चर्चा के दौरान नेताओं के बीच आपसी बहस तो रोज की बात है. हालांकि संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार (5 दिसंबर) को संसद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद श्याम सुंदर यादव कुछ ऐसा बोल गए कि उन्हें बीच में ही रोक कर अध्यक्ष ओम बिरला ने चुप करा दिया और बैठने को कहा.


दरअसल यादव अपने संसदीय क्षेत्र जौनपुर में सड़क उद्घाटन को लेकर एक समस्या के बारे में अपनी बात रखना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने अध्यक्ष से इजाजत मांगी थी. जैसे ही उनकी बारी आई और उन्होंने बोलना शुरू किया तो मुख्य बात करने के बजाय ईवीएम हैकिंग की बात करने लगे, जिस पर अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए. उन्होंने सांसद को फटकार लगाते हुए कहा कि सदन में इस तरह की बातें नहीं की जानी चाहिए.


अध्यक्ष ने रिकॉर्ड से हटाने को भी कहा
ओम बिरला ने साफ किया कि श्याम सुंदर यादव ने ईवीएम हैकिंग को लेकर जो कुछ भी कहा है वह रिकॉर्ड में नहीं रखा जाएगा. उन्होंने बाक़ी सांसदों से भी इस बात का ख्याल रखने को कहा कि संसद में इस तरह की बातें दोबारा नहीं होनी चाहिए.


क्या कहना चाह रहे थे श्याम सुंदर यादव
दरअसल जब बसपा सांसद ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने सबसे पहले यह कहा कि सांसदों के सवाल जो संसद में पूछे जाने से पहले अपलोड किए जाते हैं, उन्हें रोज के रोज सुबह 10:00 बजे अपलोड करने के वजाय एक दिन पहले अपलोड किया जाना चाहिए. इस बात को वह अनुरोध के तौर पर कर रहे थे जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि अनुरोध मत करिए सवाल पूछिए. इसके बाद फिर जब उन्होंने आगे बोलना शुरू किया तो उन्होंने कहा, "जैसे लोगों को ईवीएम पर संदेह है..."


इसके तुरंत बाद अध्यक्ष ने उन्हें टोक कर फटकार लगानी शुरू कर दी. इस बीच वह अपनी बात को आगे बढ़ाना चाह रहे थे लेकिन ओम बिरला ने उन्हें चुप करा कर बैठा दिया और कहा कि सांसदों को संसद में इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सांसदों से अपील की की ऐसी बातें सदन में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए. हालांकि बाद में श्यामसुंदर यादव ने अपनी बात पूरी की.


संसदीय क्षेत्र में सड़क उद्घाटन की कर रहे थे बात
उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सांसद निधि से बनी सड़कों के उद्घाटन का नियम है कि सांसद के हाथों ही होना चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थानीय विधायक ने इसका उद्घाटन कर दिया है. उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री से इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया.


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