Farm Laws Repeal Bill: लोकसभा के बाद सरकार ने अब राज्यसभा में कृषि कानून वापसी बिल पेश किया गया है. विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही राज्यसभा से पास करा लिया गया. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.


दोपहर 2 बजे जब राज्यसभा की बैठक हुई तो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया. इससे पहले लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधेयक को पारित कर दिया गया. लोकसभा अध्यक्ष ने विधेयक को ध्वनि मत के लिए रखा था और इसे कुछ ही सेकंड में मंजूरी दे दी गई, जबकि विपक्ष ने इस तथ्य का विरोध करते हुए अपनी नारेबाजी जारी रखी कि इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी.


कृषि कानूनों की वापसी संबंधी बिल के पास होने पर बीएसपी नेता सतीशचंद्र मिश्रा ने कू पर लिखा, ''बीजेपी सरकार के अड़ियल रवैये के कारण सैकड़ों आंदोलित किसान शहीद हो गये. आज तीनों अतिविवादित कृषि कानूनों की वापसी लोकतंत्र की सच्ची जीत है, साथ ही तानशाही बीजेपी सरकार की असफलताओं में ये एक बड़ा उदाहरण भी है. पूरे देश ने देखा कि किस तरह ठंडी, गर्मी व बरसात में किसानों की अनदेखी व उन्हें प्रताड़ित किया गया. चुनाव से ठीक पहले ऐसा करना बीजेपी के दोहरे चरित्र को दर्शाता है.''







शुरू से लेकर अबतक का पूरा घटनाक्रम



  • 5 जून 2020 : सरकार ने तीन कृषि विधेयकों की घोषणा की.

  • 14 सितंबर 2020 : तीन कृषि कानूनों के विधेयक संसद में लाए गए.

  • 17 सितंबर 2020 : लोकसभा में विधेयक पारित.

  • 20 सितंबर 2020 : राज्यसभा में ध्वनि मत से विधेयक पारित .

  • 24 सितंबर 2020 : पंजाब में किसानों ने तीन दिन के रेल रोको आंदोलन की घोषणा की.

  • 25 सितंबर 2020 : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के आह्वान पर देशभर के किसान प्रदर्शन में जुटे.

  • 26 सितंबर 2020 : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कृषि विधेयकों पर भाजपा नीत राजग छोड़ा.

  • 27 सितंबर 2020 : कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी और भारत के गजट में अधिसूचित करने के साथ ये कृषि कानून बने.

  • 25 नवंबर 2020 : पंजाब और हरियाणा में किसान संघों ने ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का आह्वान किया, दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 के कारण अनुमति नहीं दी.

  • 26 नवंबर 2020 : दिल्ली की ओर मार्च करने वाले किसानों को हरियाणा के अंबाला जिले में पुलिस ने खदेड़ने की कोशिश की, किसानों ने पानी की बौछारों, आंसू गैस का सामना किया.

  • 28 नवंबर 2020 : गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं से पेशकश की कि अगर वे दिल्ली की सीमाओं को खाली करते हैं और बुराड़ी में निर्धारित प्रदर्शन स्थल पर जाते हैं तो जल्द ही उनसे बातचीत की जाएगी. हालांकि, किसानों ने इस पेशकश को ठुकरा दिया.

  • तीन दिसंबर 2020 : सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ पहले चरण की वार्ता की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही.

  • पांच दिसंबर 2020 : किसानों और केंद्र के बीच दूसरे चरण की वार्ता भी बेनतीजा रही.

  • आठ दिसंबर 2020 : किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया. अन्य राज्यों के किसानों ने भी उन्हें समर्थन दिया.

  • 9 दिसंबर 2020 : किसान नेताओं ने तीन विवादास्पद कानूनों में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

  • 11 दिसंबर 2020 : भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कृषि कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया.

  • 13 दिसंबर 2020 : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि किसानों के प्रदर्शन में ‘टुकड़े टुकड़े’ गिरोह का हाथ है.

  • 30 दिसंबर 2020 : सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता कुछ आगे बढ़ती दिखी.

  • 4 जनवरी 2021 : सरकार और किसान नेताओं के बीच सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही, केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने पर राजी नहीं हुआ.

  • 7 जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय नए कानूनों को चुनौती देने वाली और प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई के लिए राजी हो गया.

  • 11 जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय ने किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके को लेकर केंद्र की खिंचाई की.

  • 12 जनवरी 2021 : उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगायी, कानूनों पर सिफारिशें देने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की.

  • 26 जनवरी 2021 : गणतंत्र दिवस पर किसान संघों द्वारा बुलाई ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई. लाल किले पर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी.

  • 29 जनवरी 2021 : सरकार ने डेढ़ वर्षों के लिए कृषि कानूनों को स्थगित करने और कानून पर चर्चा के लिए संयुक्त समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया. किसानों ने प्रस्ताव ठुकरा दिया.

  • 5 फरवरी 2021 : दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने किसान प्रदर्शनों पर एक ‘टूलकिट’ बनाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसे युवा पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग ने साझा किया था.

  • 6 फरवरी 2021 : प्रदर्शनरत किसानों ने दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक तीन घंटों के लिए देशव्यापी ‘चक्का जाम’ किया.

  • 6 मार्च 2021 : किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए 100 दिन पूरे हुए.

  • 8 मार्च 2021 : सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल के समीप गोलियां चली. कोई घायल नहीं हुआ.

  • 15 अप्रैल 2021 : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे किसानों के साथ वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया.

  • 27 मई 2021 : किसानों ने आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर ‘काला दिन’ मनाया और सरकार के पुतले जलाए.

  • 5 जून 2021 : प्रदर्शनरत किसानों ने कृषि कानूनों की घोषणा के एक साल होने पर संपूर्ण क्रांतिकारी दिवस मनाया.

  • 26 जून 2021 : किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के सात महीने होने पर दिल्ली की ओर मार्च किया.

  • 22 जुलाई 2021 : करीब 200 प्रदर्शनरत किसानों ने ‘‘मानसून सत्र’’ की तरह संसद भवन के समीप किसान संसद शुरू की.

  • 7 अगस्त 2021 : 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन में मुलाकात की और दिल्ली के जंतर मंतर में किसान संसद में जाने का फैसला लिया.

  • 5 सितंबर 2021 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कुछ महीने बाकी रहने पर भाजपा नीत राजग को चुनौती देते हुए किसान नेताओं ने मुजफ्फरनगर में ताकत का बड़ा प्रदर्शन किया.

  • 22 अक्टूबर 2021 : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह उसके विचाराधीन मामलों पर भी प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन उसने स्पष्ट किया कि ऐसे प्रदर्शनकारी अनिश्चितकाल तक सड़कों को बंद नहीं कर सकते.

  • 29 अक्टूबर 2021 : दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर सीमा से अवरोधक हटाने शुरू किए, जहां केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

  • 19 नवंबर 2021 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की.

  • 29 नवंबर 2021 : संसद के दोनों सदनों ने कृषि कानून को निरस्त करने वाले कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी मंजूरी दी.


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