Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में वार-पलटवार के बीच शनिवार (16 दिसंबर) को पुलिस ने छठी गिरफ्तारी की. पुलिस ने बताया कि राजस्थान के नागौर से महेश कुमावत को गिरफ्तार किया गया है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने बताया कि महेश कुमावत कथित तौर पर साजिश रचने के लिए पिछले दो साल से अन्य आरोपियों के संपर्क में था और उसने सबूत मिटाने के लिए उनके मोबाइल फोन नष्ट कर दिए.


इससे पहले पुलिस इस मामले में पांच आरोपियों, अमोल शिंदे, सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम और ललित झा को गिरफ्तार कर चुकी है और घटना की तुलना आतंकी गतिविधि से की है.


इन राज्यों के लिए पुलिस की टीमें रवाना


मामले के सभी आरोपी सात दिनों की पुलिस हिरासत में हैं. सभी अलग राज्यों (कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार) से हैं. सूत्रों के मुताबिक, 13 दिसंबर को अंजाम दी गई घटना की आगे की जांच के लिए पुलिस टीमें राज्यों के लिए रवाना हो गई हैं. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी कुमावत का सामना अन्य आरोपियों से कराया जाएगा.


विजिटर पास अधिकृत करने वाले सांसद का दर्ज हो सकता है बयान


शनिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने संसद के अंदर और बाहर से सीसीटीवी फुटेज भी एकत्र किए. न्यूज एजेंसी पीटीआईर ने सूत्रों के के हवाले से बताया कि मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा का बयान भी दर्ज करने की योजना बना रही है, जिन्होंने दो आरोपियों के लिए विजिटर पास को अधिकृत किया था.


प्लान का हिस्सा था महेश कुमावत- सूत्र


आरोपी कुमावत को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया और शनिवार को अदालत में पेश किया गया. सूत्रों ने आरोप लगाया कि कुमावत संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के प्लान का हिस्सा था, जहां उसे कैनिस्टर के साथ दूसरे गेट पर खड़ा होना था, लेकिन वह घटना के दिन 13 दिसंबर को नहीं आ सका.


'साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपी से पूछताछ की जरूरत'


अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि कुमावत ने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड आरोपी ललित झा की मदद की. उन्होंने कहा कि पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपी से पूछताछ की जरूरत है. पुलिस ने उसकी 15 दिन की हिरासत मांगी थी.


आत्मदाह का प्लान


जांच से जुड़े दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा,, ‘‘साजिश को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने (आरोपियों ने) कुछ ऐसे तरीके तलाशे थे जिनके जरिए वे प्रभावशाली तरीके से सरकार तक अपना संदेश पहुंचा सकें. आरोपियों ने सबसे पहले अपने शरीर को अग्निरोधक लेप से ढककर आत्मदाह करने पर विचार किया लेकिन फिर यह विचार बदल दिया.''


घटना पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने


बता दें कि संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखा जा रहा है. शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार को निशाना बनाया और कहा कि घटना के पीछे देश में बेरोजगारी और महंगाई कारण हैं.


राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी के कई नेताओं ने पलटवार किया. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी बयान देते हैं और लोग हंसते हैं. शहजाद पूनावाला ने कहा कि घटना को जायज ठहराने का काम आज कांग्रेस पार्टी की तरफ से हो रहा है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा फालतू बातें करते हैं, भारत में बेरोजगारी 3.2% है, जो छह वर्षों में सबसे कम है.


लोकसभा स्पीकर ने गठित की उच्चाधिकार प्राप्त समिति


इस बीच लोक अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को एक पत्र लिखकर कहा कि जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया है. साथ ही संसद परिसर में सुरक्षा के सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी. अब इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए.


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