Parliament Session LIVE: लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू कल के हंगामे का जिक्र कर हुए भावुक
संसद के मानसूत्र का आज चौथे हफ्ते का तीसरा दिन है. राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के हंगामे को लेकर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार को क्या करना है क्या नहीं, इस पर मजबूर नहीं कर सकता है.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि लोकसभा सत्र के दौरान संविधान 127वां संशोधन विधेयक समेत कुल 20 विधेयक पारित हुए. 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए. सत्र खत्म होने के बाद स्पीकर की कस्टमरी मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई पक्ष और विपक्ष के नेता मौजूद थे.
राज्यसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. राज्यसभा में आज OBC संशोधन विधेयक पेश होगा. इससे पहले ये लोकसभा में पास हो चुका है.
सभापति वेकैंया नाडयू ने सदन की कल की घटना को लेकर दुख जताया. अपना दुख जाहिर करते हुए सभापति वेकैंया नायडू भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन की मर्यादा भूल गया है, ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए.
लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. सदन की कार्यवाही तय समय से दो दिन पहले ही स्थगित हो गई है. ओबीसी संशोधन बिल पास होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाएगी.
राज्यसभा में आज सभापति वेकैंया नायडू ने कल संसद में हुए हंगामें को लेकर निंदा की. उन्होंने कहा कि विपक्ष का कोई भी सदस्य सरकार को मजबूर नहीं कर सकता कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं. हंगामें के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है.
राज्यसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद आधे घंटे के लिए फिर स्थगित हो गई. अब राज्यसभा की कार्यवाही तीन बजे शुरू होगी.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ओबीसी संशोधन बिल पर लोकसभा में अपनी बात रखी. अखिलेश यादव ने कहा, 'पिछड़े वर्गों को तब फायदा होगा जब आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ायी जाए. और हमारी सबसे बड़ी मांग है कि जाति के आधार पर भी जनगणना की जाए. जाति जनगणना हमारी बहुत पुरानी मांग रही है. हर जाति को लेकर कंफ्यूजन पैदा किया हुआ है.'
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण आज मंगलवार को राज्यसभा की बैठक दो बार के स्थगन के बाद 15 मिनट के लिए फिर स्थगित करनी पड़ी.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी ओबीसी संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, '2004 से 2014 तक यूपीए का शासन रहा, सभी पार्टियों के ओबीसी सांसदों ने कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने की मांग की, लेकिन 10 साल की यूपीए सरकार में ऐसा नहीं हुआ. पिछड़ा वर्ग के लिए मंडल आयोग उसी सरकार ने बनाया जिसे बीजेपी ने समर्थन दिया. 2014 में मोदी जी की सरकार आई. तब संवैधानिक आयोग बनाया गया और पिछड़े समाज को अधिकार देने का काम किया. पिछड़ा वर्ग को न्याय देने का काम हमारी सरकार ने किया.'
बिहार से जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में कहा, 'सरकार की नीयत एकदम साफ है. हमारी सरकार से एक मांग है कि ओबीसी को आप पूरी तरह से न्याय नहीं दिला पाएंगे, जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी. इसलिए हमारी मांग है कि 2022 में जातिगत जनगणना होनी चाहिए. हमारी पार्टी ओबीसी संशोधन बिल का समर्थन करती है.'
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि ओबीसी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक देश के संघीय ढांचे और ओबीसी सूची से जुड़े राज्यों के अधिकार को सशक्त बनाएगा. लोकसभा में उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी वर्गों के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं और यह भी उसी क्रम में एक कदम है. आज बहुत ऐतिहासिक दिन है. हम ऐसे महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं जो ओबीसी की सूची के निर्धारण के राज्यों के अधिकार को बहाल करने का है.
लोकसभा में OBC संशोधन विधेयक पर बीजेपी नेता डॉ संघमित्रा मौर्या ने कहा, "कांग्रेस ने आरक्षण को खत्म करने की शुरुआत साल 2010 में कर दी थी. कांग्रेस चाहती तो 2014 से पहले तक इस विधेयक में संशोधन कर सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं किया. अगर अल्पसंख्यकों के लिए कांग्रेस ने कुछ किया होता तो जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर नहीं किया होता. पीएम मोदी जी की सरकार में ओबीसी संशोधन विधेयक लाया गया. अब निश्चित तौर पर गरीबों और जरूरतमंदों को उनका हक मिलेगा."
राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है. इसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.
लोकसभा में OBC संशोधन विधेयक पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने पूछा, 'सवाल ये है कि आखिर आज ओबीसी विधेयक में संशोधन करने की नौबत क्यों आई.' केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, '2018 में 102वां संविधान संशोधन लाया गया. आपने ओबीसी कमीशन बनाया लेकिन आपने राज्यों के अधिकारों का हनन किया. यूपी, उत्तराखंड में चुनाव है. इसलिए आप लोगों को खुश करने के लिए ये संशोधन लाए. आप मजबूरी में ये संशोधन लाए. जनहित के लिए हम इस बिल का समर्थन करते हैं. हमारी मांग है कि 50 फीसदी की बाध्यता पर कुछ किया जाए. जैसे- तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है. इसी तरह दूसरे राज्यों को भी ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण की व्यवस्था को 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ा सकें.'
लोकसभा में OBC संशोधन विधेयक पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, 'सदन के तीन हफ्ते निकल गए. हम एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी है. हम अपनी जिम्मेदारी जानते हैं. इसलिए हम इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हम सदन में केवल हवा खाने नहीं आते हैं. '
लोकसभा में OBC संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई है. अब विपक्षी नेताओं का हंगामा भी थम गया है. बिल पर चर्चा के लिए 4 घंटे का समय आवंटित किया गया है. विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को ही इस बिल के पूरी तरह समर्थन का ऐलान कर दिया था.
राज्यसभा ने सोमवार को तीन विधेयक पारित किए. सदन ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया जो लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने में सक्षम बनाता है. लोकसभा इस बिल को पहले ही पास कर चुकी है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पारित होने के लिए सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 पेश करेंगी. विनियोग (नंबर 4) विधेयक 2021 और विनियोग (नंबर 3) विधेयक 2021, जो पिछले सप्ताह से उच्च सदन में लंबित है, को भी पेश किया जाएगा.
लोकसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी नेताओं की फटकार लगाते हुए ओम बिरला ने कहा, ‘‘कल आदिवासी दिवस था. देश के सामाजिक, आर्थिक विकास में जनजातीय समुदाय का विशेष योगदान रहा है. उनका स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान रहा है. मेरी इच्छा थी कि आदिवासियों के योगदान पर सदन में चर्चा होती, लेकिन आप सदन नहीं चलने देना चहाते. यह उचित नहीं है. यह समाज के गरीब और वंचित वर्गाों का सदन है. देश को अगर सशक्त बनाना है तो हमें यहां चर्चा और संवाद करना होगा. आप अपनी सीटों पर जाएं. मैं हर विषय पर चर्चा कराना चाहता हूं. आपको नारों के लिए नहीं, चर्चा के लिए यहां भेजा गया है. आपका यह तरीका गलत है.’’
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर दिखाने लगे. हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही ई-कॉमर्स कंपनियों के विनियमन से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए.
पेगासस जासूसी सहित कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई.
संसद के दोनों सदनों में आज भी विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं. इसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. हालांकि लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के बीच ही चल रही है.
संसद के मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता पहले की तरह ही हंगामेदार चल रहा है. लेकिन आज लोकसभा में कामकाज के सुचारू रुप से चलने की उम्मीद है. इसकी वजह है 127वां संविधान संसोधन विधेयक जिसमें राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार दिया गया है.
लोकसभा में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने संविधान (ST) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि ये बहुत ही अहम बिल है, जिससे अरुणाचल के उन भाइयों को न्याय मिल सकेगा जिन्हें अनुसूचित जनजातियों का लाभ नहीं मिल पा रहा था.
लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया गया. केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने संविधान संशोधन (127वां) बिल लोकसभा में पेश किया. इस बिल के जरिए राज्य सरकारें OBC की लिस्ट तैयार कर सकेंगी. इस बिल के पेश होने के थोड़ी देर बाद ही कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे एक बार फिर से शुरू की गई, लेकिन इसे तुरंत ही स्थगित कर दिया गया. अब राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष पर निशााना साधते हुए कहा कि अगर पेगासस मुद्दे पर सांसद कागज नहीं फाड़ते तो ये हालात नहीं बनते. उन्होंने कहा कि इतना गलत आचरण करने पर भी अगर कोई माफी नहीं मांगता है तो इससे पता चलता है कि कौन सदन चलाना चाहता है और कौन नहीं.
OBC संशोधन विधेयक पर सरकार के साथ कांग्रेस समते 15 विपक्षी दल हैं. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि संसद में सरकार ओबीसी सूची में नाम जोड़ने का अधिकार राज्य को देने वाला बिल को लेकर आ रही है, जिसका हम समर्थन करते हैं.
राज्यसभा में आज एक बार सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है. इसके साथ ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है. इससे पहले लोकसभा में आज भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया और सदन शुरू होते ही हंगामा होने लगा, जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
राज्यसभा में अपॉजिशनल लिडर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी दल आज संसद में पेश किए जा रहे संविधान (एक सौ सत्ताईसवें संशोधन) विधेयक 2021 का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि ये मुद्दा पिछडे़ वर्ग और देश हित में है. हम एक होकर इसको पास कराने के लिए तैयार हैं.
बैकग्राउंड
संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी हफ्ता पहले की तरह ही हंगामेदार चल रहा है. पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है. विपक्ष पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है. आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीयों की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल संबंधी मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए आरोपों का मकसद भारतीय लोकतंत्र की छवि को खराब करना है.
सोमवार लोकसभा में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021’ पेश किया. सभी विपक्षी दलों ने इस सुर में इसका समर्थन किया. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान (127वीं संशोधन विधेयक) 2021 पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करना है.
हालांकि दोनों सदनों की कार्यवाही फिर से बाधित हो रही है क्योंकि विपक्षी दल पेगासस परियोजना रिपोर्ट पर चर्चा के लिए अपनी मांग पर जोर दे रहे हैं. केंद्र, हालांकि, एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से आगे बढ़ना चाहता है जिसका उद्देश्य पिछड़ी जातियों की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करना है.
विपक्ष ने पीएम से बात सुनने का आग्रह किया
बता दें कि 8 अगस्त को, कई विपक्षी नेताओं ने पेगासस परियोजना रिपोर्ट और कृषि सुधार कानूनों पर संसद में बोलने के अपने व्यर्थ प्रयासों को उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था. नेताओं ने प्रधानमंत्री से उनकी बात सुनने का आग्रह किया. तीन मिनट की इस वीडियो क्लिप को सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में विपक्ष की संसद की रणनीति के लिए तैयार किया था. हालांकि, रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कार्यवाही शुरू होने से पहले पार्टियों ने औपचारिक रूप से आज बैठक की.
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