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टेक्नोलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल करें: पीएम मोदी पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कहा कि मोबाइल ही नहीं, बल्कि किसी भी चीज का अति...किसी का भला नहीं करता. हर चीज के लिए एक मानदंड होना चाहिए, उसका एक आधार होता है. किसी भी चीज का कितना उपयोग करना चाहिए, इसका विवेक होना बहुत जरूरी है. टेक्नोलॉजी से हमें दूर नहीं भागना चाहिए, बल्कि उसका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए.
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'निर्णायक बनने की डालें आदत'-पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि हमें आदत डाली चाहिए कि हम निर्णायक बनें. कंफ्यूजन में नहीं रहना चाहिए. अगर कोई कंफ्यूजन है तो हमें उस पर बात करनी चाहिए और उसका समाधान करके आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि कंफ्यूजन किसी भी स्तर का हो, वो बुरा ही होता है. अनिर्णय तो और भी बुरा है.
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एग्जाम हॉल टेंशन से कैसे बचें? पीएम मोदी ने दिया जवाब एग्जाम हॉल में जाने के दौरान होने वाले तनाव से बचने का सुझाव देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स को उत्साह के साथ बच्चे को एग्जाम हॉल में जाने देना चाहिए. एग्जाम हॉल में हमेशा आप जल्दी जाने की कोशिश करें. एग्जाम हॉल में गहरा सांस लीजिए और खुद में खोने की कोशिश की जाए. अब आपके हाथ में पेपर आएगा तो आपको तनाव महसूस नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमेशा क्वेश्वन पेपर को पढ़ लीजिए और उन्हें हल करने का समय तय कर लीजिए. छात्रों को हमेशा सवालों को लिखकर प्रैक्टिस करनी चाहिए.
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'सिलेबस से आगे निकलकर छात्रों संग बनाएं नाता'- पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से सवाल हुआ कि छात्रों को प्रेरित करने में शिक्षकों की क्या भूमिका होनी चाहिए और छात्रों को किस तरह से तनावमुक्त रखना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी टीचर और छात्र के बीच परीक्षा को लेकर सिर्फ नाता नहीं होना चाहिए, अगर ऐसा है तो उसे ठीक करने की जरूरत है. स्टूडेंट और टीचर का नाता पहले दिन से ही निरंतर बढ़ते रहना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी.
उन्होंने कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है. इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए. शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है. उन्होंने कहा कि टीचर्स को सिलेबस से आगे बढ़कर छात्रों से संग रिश्ता बनाना चाहिए.
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दोस्तों से द्वेष करने की जरूरत नहीं: पीएम मोदी दोस्तों के साथ होने वाली प्रतिस्पर्धा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है. आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है. उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है. अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.
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पीएम मोदी ने प्रतिस्पर्धा से निपटने का दिया मूल मंत्र पीएम मोदी से सवाल किया गया कि दोस्तों, सहपाठियों से होने वाली प्रतिस्पर्धा से कैसे निपटा जाए. कई बार माता-पिता भी प्रतिस्पर्धा का माहौल बना देते हैं. इससे निपटने के लिए क्या किया जाए. पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा होना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हममें द्वेष पैदा हो जाए. बिना द्वेष के प्रतिस्पर्धा होने से सफलता हासिल करने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने माता-पिता की तरफ से प्रतिस्पर्धा करवाने पर कहा कि माता-पिता को इस तरह की चीजों से बचना चाहिए. इसकी वजह से बच्चों की क्षमता घट सकती है. कभी कभी तो मैंने देखा है कि जो माता-पिता अपने जीवन में ज्यादा सफल नहीं हुए हैं, वे अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड ही विजिटिंग कार्ड बना देते हैं. इस तरह से बच्चों के भीतर ही लगने लगता है कि उन्हें सब कुछ आता है, जो काफी नुकसानदायक है.
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पीएम मोदी ने बताया-कितने प्रकार के होते हैं दबाव? प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पहला दबाव का प्रकार वो है, जो हम खुद ही अपने ऊपर डालते हैं. जैसे सुबह चार बजे उठना है. इतने सवालों को हल करके सोना है. ऐसा करने की वजह से हमारे ऊपर दबाव पैदा हो जाता है. मुझे लगता है कि हमें खुद पर इतना दबाव नहीं डालना चाहिए, जिसकी वजह से हमारी योग्यता खत्म हो जाए. दूसरा दबाव माता-पिता की तरफ से आता है. बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से की जाती है, जो कि गलत है. इसकी वजह से उन पर दबाव आने लगता है.
पीएम ने कहा कि दबाव का तीसरा प्रकार वो है, जिसमें कारण कुछ नहीं है, मगर समझ का अभाव है. बिना किसी वजह से हमें उसे संकट मान लेते हैं. इस तरह के दबावों को सभी को मिलकर संबोधित करना होगा. पैरेंट्स, टीचर्स सभी को मिलकर इसका समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग मिलकर प्रयास करें तो सभी प्रकार से दबाव से छात्रों को मुक्त किया जा सकता है.
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समाजिक दबाव से कैसे निपटें? पीएम ने दिया गुरु मंत्र पीएम मोदी ने कहा कि शायद मुझे बताया गया कि परीक्षा पे चर्चा का सातवां एपिसोड है, जितना मुझे याद है कि ये सवाल हर बार पूछा गया है. इसका मतलब ये है कि सात साल में सात अलग-अलग बैच इस परिस्थिति से गुजर रही है. हर नई बैच को भी इन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों की बैच बदलती है, लेकिन टीचर्स की बैच इतनी जल्दी नहीं बदलती है.
उन्होंने कहा कि टीचर्स ने अगर मेरे पुराने एपिसोड की बातों को छात्रों तक पहुंचाया हो तो इस समस्या को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है. हर माता-पिता ने इस समस्या का सामना जरूर किया है. हमें किसी भी तरह के प्रेशर को झेलने के लिए सामर्थ्यवान बनाना चाहिए. रोते हुए बैठना नहीं चाहता है. जीवन में दबाव आता रहता है, लेकिन खुद को तैयार करना होता है. दबाव को हमें अपने तरीके से जीतने के तरीके का संकल्प लेना चाहिए.
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सामाजिक दबाव को लेकर पूछा गया सवाल परीक्षा पे चर्चा के दौरान ओमान की एक भारतीय छात्रा और दिल्ली के एक छात्र ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि समाज के दबाव और उम्मीदों का किस तरह से सामना करें.
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परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम शुरू पीएम मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि यहां आने से पहले मैंने प्रदर्शनी देखी. यहां पर छात्रों ने जिस तरह से इनोवेटिव चीजें दिखाई, वो काफी अच्छी थीं.
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जन आंदोलन बना परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम: शिक्षा मंत्री केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा एक जन आंदोलन बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 3000 प्रतिभागियों के साथ संवाद करने वाले हैं. थोड़ी देर में वह प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे.
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भारत मंडपम में छात्रों से मिले पीएम परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से पहले भारत मंडपम में लगी प्रदर्शनी में पीएम मोदी पहुंचे और उन्होंने वहां छात्रों से चर्चा की.
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कितने बजे होगी परीक्षा पे चर्चा की शुरुआत? परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी. इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के भारत मंडपम में हो रहा है, जहां स्कूली बच्चे और शिक्षक भी मौजूद रहेंगे.
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परीक्षा में तनाव कम करने के लिए किए गए प्रयास: पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि छात्रों को प्रेरित करने और परीक्षा के तनाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत से अभिनव प्रयास भी किये गए हैं. उन्होंने युवाओं और छात्रों से बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मुझे भी आपसे बात करके बहुत अच्छा लगेगा.
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'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का हमेशा करता हूं इंतजार: पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'परीक्षा पे चर्चा' का यह सातवां संस्करण होगा. यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका मैं हमेशा इंतजार करता हूं. इससे मुझे छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है और मैं उनके परीक्षा सबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं.
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2.25 करोड़ छात्रों ने कार्यक्रम के लिए किया रजिस्ट्रेशन आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 109वीं और इस साल की पहली कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष 2.25 करोड़ से अधिक छात्रों ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन किया है जबकि 2018 में जब यह कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया था, उस वक्त यह संख्या केवल 22,000 थी.
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कितने बजे शुरू होगा कार्यक्रम? 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी, जिसमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी हिस्सा लेने वाले हैं. इस कार्यक्रम का आयोजन भारत मंडपम में किया जाएगा. यहां पर स्कूली छात्र भी पहुंचने वाले हैं.
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'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का सोमवार को आयोजन हो रहा है. इस कार्यक्रम में वह छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को एग्जाम सीजन से पहले टिप्स देने वाले हैं. वह छात्रों को एग्जाम सीजन में तनावमुक्त रहने का मंत्र देने वाले हैं.