कोरोना काल में स्कूल-कॉलेज बंद हैं लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी बदस्तूर जारी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के निजी स्कूलों को पिछले साल के एनुअल चार्ज और डेवलपमेंटल फी को लेने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद कई संस्थानों ने बच्चों के पैरेंट्स को नोटिस जारी कर कहा है कि वे वर्तमान सत्र के साथ-साथ पिछले सत्र का वकाया भी जमा करें. यानी अगर किसी ने पिछले साल एनुअल चार्ज और डेवलपमेंट फी कम दिया है या नहीं दिया तो पुराने साल का वकाया जोड़कर उन्हें सभी पैसे स्कूल को चुकाना होगा.  स्कूलों की इस मनमानी के कारण कई पैरेंट्स चिंतित हैं. कोरोना की वजह से ज्यादातर परिवारों की आय में कमी आई है और पैसे की भारी कमी हो गई है. इस स्थिति में पहले से परेशान बच्चों के पैरेंट्स और ज्यादा संकट में फंस गए हैं. 


15 प्रतिशत छूट के साथ सभी शुल्कों को वसूल सकता है स्कूल 
गौरतलब है कि कोर्ट ने अपने दो आदेश में कोरोना की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के कारण पिछले साल के एनुवल चार्ज और डेवलपमेंट फीस को लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन 31 मई को हाईकोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया. फैसले में कहा गया कि स्कूल पिछले साल के चार्ज को 6 मासिक किश्तों में वसूल सकते हैं लेकिन इससे पहले स्कूल को कुल स्कूल फीस में 15 प्रतिशत की छूट देनी होगी. यह छूट इसलिए दी गई क्योंकि लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों ने कई सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया. कोर्ट ने 2021-22 के लिए भी स्कूलों को ट्यूशन फीस और अन्य फीस वसूलने की छूट दे दी. दिल्ली सरकार ने इससे पहले एकल बेंच के निर्णय को चुनौती दिया था लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.    


दिल्ली के सात स्कूलों ने पैरेंट्स को मैसेज भेजा
पिछले सप्ताह दिल्ली एपीजे स्कूल पीतमपुरा, महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल अशोकविहार, डीएवी पब्लिक स्कूल विकासपुरी, कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल सहित दिल्ली के सात निजी स्कूलों ने पैरेंट्स को संदेश भेजकर कहा था कि वे अपने बच्चों की पिछले साल की एनुवल फीस और डेवलपमेंट फीस की वकाया राशि को चुकाएं. इस नोटिस के बाद पैरेंट्स परेशान हैं. पहले उन्हें लगा था कि अब पिछले साल का बकाया पैसा नहीं लगेगा लेकिन यहां नोटिस भेज दिया गया. कई पैरेंट्स को पिछले साल के 60-60 रुपये बकाया बताए गए हैं. 


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