मुंबई: पालघर में साधुओं की हत्याकांड को 212 दिन पूरे हो चुके हैं. अभी भी पीड़ित परिवार और संत समाज को न्याय नहीं मिलने पर आज बीजेपी ने जन आक्रोश यात्रा निकालने का फैसला किया था. लेकिन इस यात्रा को पालघर पुलिस ने इजाज़त नहीं दिया और नोटिस देकर यात्रा रद्द करने को कहा. जबरन पालघर कूच करने के चलते बीजेपी नेता राम कदम सहित समर्थकों को मुम्बई की खार पुलिस हिरासत में लिया गया.

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16 अप्रैल 2020 को कोरोना लॉकडाउन के दौरान पालघर जिले में 2 साधुओं सहित कुल 3 लोगों की निर्मम हत्या को 212 दिन बीत जाने पर भी पीड़ितों और संत समाज को न्याय नहीं मिला है. यह मामला कोर्ट में लंबित है और जल्द फैसले की उम्मीद है. लेकिन पालघर हत्याकांड की जांच सीबीआई द्वारा हो इसलिए बीजेपी नेता राम कदम 18 नवंबर के दिन हाथों में दीप जलाकर सैकड़ों लोगों के साथ पालघर जा रहे थे.

आज सुबह राम कदम के घर के बाहर जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई. राम कदम ने पालघर जाने से पहले एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया, ''पालघर जिले की वह भूमि जहां 16 अप्रैल 2020 को बुजुर्ग निष्पाप साधुओं को निर्दयता, क्रूरता से मारा गया. जिस जगह साधुओं ने जीवन के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राण त्याग दिए उसी जगह पर दीप जलाकर साधुओं की आत्मा की शान्ति और न्याय के लिए सामूहिक प्रार्थना करेंगे. पालघर जिले की जिस भूमि पर उनके साथ छल हुआ,  उन्हें मारा गया,  उन पर अन्याय हुआ, वहां बैठकर न्याय की गुहार लगाएंगे. हाथों पर काली पट्टी बांधकर महाराष्ट्र सरकार के विरोध में भूख हड़ताल करेंगे. जहां हत्या हुई वहां साधुओं की मंदिर रूपी स्मारक बने यह हमारी मांग है. साधु हत्याकांड को 211 दिन बीत गए, देश की जनता तथा समूचा संत, महंत, साधू समाज न्याय की गुहार महाराष्ट्र सरकार से लगा रहा है. कब मिलेगा न्याय? कब मिलेगी उन निष्पाप स्वर्गीय साधुओं की आत्मा को शांति? महाराष्ट्र की सरकार कब सौपेंगी CBI को जांच?"

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अपनी गाड़ी में बैठने से पहले मुम्बई पुलिस ने राम कदम सहित सैकड़ों समर्थकों को हिरासत में लिया. सभी को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया. करीब 1 घंटे तक हिरासत में रखे जाने के बाद चेतावनी देकर राम कदम सहित सभी को छोड़ा गया. राम कदम ने कहा, “जन आक्रोश यात्रा से घबराई सरकार ने हमें हिरासत में लिया. साधु संतों को न्याय मिले इसलिए आंदोलन और संघर्ष जारी रहेगा.”

खार पुलिस स्टेशन पहुंचे नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे ने भी सरकार द्वारा जन आक्रोश यात्रा को दबाने का आरोप लगाया. शिवसेना को हिंदुत्व की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं, इस बारे नारायण राणे ने कहा कि, उद्धव ने कोई एग्जाम ही नहीं दिया, तो उन्हें सर्टिफिकेट क्या मिलेगा? नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे पिंजरे में बैठकर राम-राम करते हैं, इसीलिये राम कदम को आंदोलन करना पड़ा.”

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