नई दिल्ली: पाकिस्तान भारतीय वायु सेना के फाइटर जहाजों की लोकेशन और मूवमेंट जानने के लिए आतंकवादी संगठनों की शरण में है. पाकिस्तान में मौजूद आतंकी हुक्मरानों ने भारत में मौजूद अपने सभी आतंकियों को निर्देश दिया है कि वे भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जहाजों के बारे में लगातार जानकारी देते रहें. आतंक के आकाओं का ऐसा ही एक निर्देश जांच एजेंसियों के पास टेप की शक्ल में भी मौजूद है और एनआईए ने इसकी पुष्टि भी की है.


पाकिस्तान की एक और नापाक चाल का पर्दाफाश हुआ है. खुफिया और जांच एजेंसियों को पता चला है कि पाकिस्तान अब आतंकवादियों का इस्तेमाल सिर्फ आतंक फैलाने के लिए नहीं बल्कि जासूसी नेटवर्क के तौर पर भी कर रहा है. इसका खुलासा तब हुआ जब जांच एजेंसियों ने आतंकवादियों और आतंक के आकाओं के हुक्मरानों के बीच हुई बातचीत का एक टेप बरामद किया. इस बातचीत में स्पष्ट तौर पर कहां गया था कि "फाइटर जेट की पोजीशन बताओ."


एनआईए के एक आला अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के आला अधिकारियों ने इस बारे में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना रऊफ असगर से संपर्क कर उन्हें यह निर्देश दिए थे कि भारत में मौजूद तमाम आतंकवादियों से वायु सेना के फाइटर जेट प्लेन की मोमेंट और पोजीशन के बारे में जानकारी ली जाए.


एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक ऐसा निर्देश बालाकोट स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से आया था और बातचीत का टेप भी आतंकवादियों के पास से बरामद हुआ था. दिलचस्प है कि पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड और कुख्यात आतंकवादी सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा उमर उस समय पुलवामा के पास कोल एयरबेस के पास मौजूद था और उसने अपनी तरफ से जो जानकारी हो सकती थी वह पाकिस्तान तक पहुंचाई भी थी.


खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका अब चाहते हैं कि उनके जो भी आतंकवादी भारत में मौजूद हैं वह आतंक फैलाने के अलावा जासूसी का काम भी करते रहे और इस मामले में अपने ओवरग्राउंड वर्करों की मदद भी लेते रहें.


सूत्रों के मुताबिक अपने आतंकवादियों से यह सूचना मंगाने के साथ ही पाकिस्तान एक तीर से दो निशाने कर रहा है. पाकिस्तान चाहता है कि भारत और चीन के बीच जिस तरह का तनाव चल रहा है उसमें अगर वह सैन्य मामले की कोई पुख्ता जानकारी की सूचना चीन के साथ साझा करेगा तो चीन उससे खुश रहेगा और जानकारी रहने पर उसे तो फायदा होगा ही. खुफिया सूत्रों के मुताबिक वर्तमान हालातों को देखते हुए सभी सैन्य और सुरक्षाबलों को अपने अपने ठिकानों की स्थिति पर मजबूत निगाह रखने और कड़ी सुरक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं.