इस्लामाबाद: पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत के साथ सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है. इसमें कश्मीर मुद्दा भी शामिल है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि संघर्षविराम को लेकर हाल में बनी सहमति इस्लामाबाद के जरिए उल्लेखित रुख के अनुरूप है.


भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने कहा कि वे नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने के लिए सहमत हुए हैं.


वहीं अब पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा, 'पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि हम सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है. हमारे सैद्धांतिक रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है.'


पुराने रुख में कोई बदलाव नहीं


उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों के लिए पाकिस्तान के पुराने रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर शांति बरकरार रखने के लिए 2003 के संघर्षविराम सहमति का पालन करने की आवश्यकता को लगातार रेखांकित किया है.


उन्होंने कहा, 'हमने यह भी कहा है कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष का बढ़ना क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. इसलिए, यह घटनाक्रम पाकिस्तान के रुख के अनुरूप है.' वहीं चौधरी ने आरोप लगाया कि 2003 से अब तक भारत के जरिए 13,600 से अधिक संघर्षविराम उल्लंघन किए गए हैं और अकेले 2020 में 3,097 संघर्षविराम उल्लंघन हुए, जिसमें 28 लोग मारे गए और 257 नागरिक घायल हुए.


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