Iran President Talk With PM Modi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जो 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है. इस भयावह हमले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है. अब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

राष्ट्रपति पेजेशकियन ने शनिवार (26 अप्रैल) को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टेलीफोन कर इस जघन्य हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. बातचीत के दौरान उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता और दुनिया भर के मानवतावादी ताकतों को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना चाहिए.

आतंकवाद के खिलाफ भारत-ईरान का नजरिया

बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जा सकती. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि दोनों नेताओं ने किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद के औचित्य को खारिज किया और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया. ईरान में भारतीय दूतावास ने भी एक्स पर एक बयान साझा किया, जिसमें दोनों देशों की आतंकवाद और क्षेत्रीय शांति के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.

भारत के साथ ईरान की अटूट एकजुटता का भरोसा

राष्ट्रपति पेजेशकियन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ ईरान की अटूट एकजुटता का भरोसा दिलाया. पीएम मोदी ने तेहरान के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में ईरान की रचनात्मक भूमिका की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के शाहिद राजाई बंदरगाह पर हाल ही में हुए विस्फोट पर भी दुख व्यक्त किया और राहत व पुनर्निर्माण कामों में भारत की मदद की पेशकश की.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव 

राष्ट्रपति पेजेशकियन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की और मध्यस्थता की पेशकश करते हुए दोनों देशों को भाईचारे वाले पड़ोसी कहा. यह संकेत एक सकारात्मक प्रयास था ताकि उपमहाद्वीप में शांति और स्थिरता कायम रह सके. पीएम मोदी ने भी क्षेत्रीय सहयोग और कूटनीतिक समाधान के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने खासकर ईरान और अमेरिका के बीच पैदा हुए तनाव पर जोर दिया. भारत के शांतिपूर्ण समाधान के समर्थन को दोहराया.

द रेजिस्टेंस फ्रंट और आतंकवाद का पाकिस्तान कनेक्शन

22 अप्रैल के बैसरन मैदान हमले में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका पाई गई, जिसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक प्रतिनिधि संगठन माना जाता है. इस हमले ने एक बार फिर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खतरे को उजागर किया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपने संघर्ष में कोई ढील नहीं बरतेगा और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.