नई दिल्ली: कोरोना काल में जहां सरकार मकान मालिकों को ये कह रही है कि वो किरदार से घर खाली ना करवाएं, वहीं सरकार के एक नोटिस ने देश के बड़े कलाकारों के साथ जो किया उसको लेकर सभी कलाकार आहत हैं. पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित देश के ये बड़े कलाकार इस बात से दुखी हैं कि मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स ने इन्हें सरकारी घर खाली करने का नोटिस दिया है.


नोटिस में कहा गया है कि सरकारी घर 31 दिसंबर तक खाली कर दे. ये नोटिस बिरजू महाराज समेत कई कलाकारों को दिया गया है जिनमें जतिन दास, पंडित भजन सोपोरी, रीता गांगुली और उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर शामिल हैं.


कई कलाकारों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ कड़ी आपत्ति जारी की है. ये कलाकार सरकार से गुजारिश कर रहे हैं कि ऐसा ना किया जाए. देश के जाने माने पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी को भी सरकारी घर को खाली करने का सरकार का फरमान मिला है. सरकार की तरफ से उन्हें घर साल 2004 में अलॉट हुआ था. अब जब इनके पास घर खाली करने का नोटिस आया तभी से काफी दुखी हैं. इनका कहना कि ऐसे समय में ये नोटिस मिला है जब देश में कोरोना के हालात काफी खराब है.


पंडित भजन सोपोरी की मानें तो एमिनेंट आर्टिस्ट कोटे के तहत ये सरकारी मकान कलाकारों को दिए गए थे. इनका प्रोसेस ये था कि हर 3 साल में एक एफिडेविट लगाया जाता था और मकान एक्सटेंशन मिल जाती थी. अगर इस दौरान किसी ने घर खरीद लिया है तो उसे सरकारी घर वापस करना होता था, लेकिन अधिकतर कलाकारों के पास खुद के घर नहीं है.


इनका कहना है कि एक कलाकार पूरे विश्व में देश का नाम रौशन करता है. सरकार को कलाकारों के साथ ये नहीं करना चाहिए. भजन सोपोरी का कहना है कि 250 से ज्यादा पुरस्कार इन्हें मिल चुके हैं. करीब 60 साल से ये परफॉर्म कर रहे हैं. इनका कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए.


पंडित भजन सोपोरी के बेटे भी संतूर वादक हैं. नेशनल और इंटरनेशनल इन्हें भी कई अवार्ड मिल चुके हैं. इनका कहना है कि पिछले 10 महीने में जब से कोरोना देश में आया है तब से कलाकारों की हालत बहुत खराब है. कोई भी कमाई ना होने के बावजूद कलाकार अपने अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं. सरकार के इस फैसले से ये भी ना खुश हैं।


पद्मश्री अवार्ड से ही सम्मानित क्लासिकल सिंगर उस्ताद एफ वसीफुद्दीन डागर को भी मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की तरफ से ये ही नोटिस मिला है. इनको भी अपना घर 31 दिसंबर तक अपना घर खाली करना है. इनका कहना है कि हम समय पर किराया दे रहे हैं. देश का नाम रौशन कर रहे हैं उसके बावजूद भी अगर ये सिला मिलेगा तो दुख तो होगा ही.


देश और समाज के लिए इतना सब कुछ करने के बाद मंत्रालय के इस बर्ताव से तमाम हस्तियां आहत हैं. सभी को सरकार से उम्मीद है कि इस फैसले के पर फिर से विचार किया जाएगा.