बेंगलुरू: केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई. अब कर्नाटक हाई कोर्ट की तरफ से नियुक्त एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बताया है कि इस साल 2 से 3 मई को ऑक्सीजन की कमी के कारण चामराजनगर आयुर्विज्ञान संस्थान (जिला अस्पताल) में 24 कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई.


होई कोर्ट ने 5-5 लाख का मुआवजा देने को कहा


हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि 24 मौतों में से तीन ऑक्सीजन की कमी के कारण हुईं, जबकि 10 अन्य मौतें आपूर्ति बहाल होने के बाद हुईं. कोर्ट ने 6 जुलाई को एक आदेश में राज्य सरकार को सभी 13 परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि सभी की मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी थी. हालांकि बचे हुए 11 परिवारों के लिए कोर्ट ने आधिकारिक जांच आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करने का फैसला किया है.


हाई कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?


हाई कोर्ट ने 6 जुलाई को दिए आदेश में कहा, ‘’सेवानिवृत्त न्यायाधीश माननीय श्री न्यायमूर्ति एएन वेणुगोपाल गौड़ा की अध्यक्षता में आयोग की तरफ से प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि 2 मई, 2021 को रात 10.30 बजे से लगभग 3 मई, 2021 को 2 बजे तक चामराजनगर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति उपलब्ध नहीं थी, जिससे 24 मरीजों की मौत हो गई.’’


सरकार ने संसद में क्या कहा था?


स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार से पूछा गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है? इसपर पवार ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना के मामलों और मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं. बहरहाल, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है.’’


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