Opposition And NDA Meeting: बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बीच दिल्ली में एनडीए ने भी बैठक बुलाई है. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इसे पक्ष और विपक्ष का एक शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. विपक्षी एकता के साथ जहां 26 समान विचारधारा वाले दल शामिल हैं, वहीं बीजेपी का दावा है कि एनडीए की बैठक में कुल 38 दल शामिल होने जा रहे हैं. बैठक के दौरान तमाम दलों के बीच आने वाले चुनावों को लेकर बात होगी और सीट शेयरिंग जैसे मसलों पर बातचीत के लिए रास्ता तय किया जाएगा. हालांकि इनमें से कई दल ऐसे भी हैं, जिनका लोकसभा में कोई भी नेतृत्व नहीं है. 


बीजेपी ने किया ताकत बढ़ने का दावा 
बीजेपी की तरफ से बुलाई गई बैठक में इस बार कई नए दल भी शामिल होने जा रहे हैं, वहीं दशकों तक बीजेपी का साथ निभाने वाले कुछ दल अब बीजेपी के साथ नहीं हैं. अजित पवार खेमे वाली एनसीपी और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना भी इस बार एनडीए का हिस्सा हैं. इसके अलावा चिराग पासवान ने भी बीजेपी से हाथ मिला लिया है. बीजेपी नेताओं का दावा है कि पिछले कई सालों के मुकाबले एनडीए की ताकत में इजाफा हुआ है. 


विपक्ष करेगा एजेंडा तय
वहीं विपक्षी दलों की बात करें तो कुल 26 दल बेंगलुरु में जुटे हैं. जहां आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एजेंडा तय किया जाएगा. इस एजेंडे के तहत कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, सीट शेयरिंग और एनडीए का नाम बदलने की तैयारी है. इसके अलावा विपक्षी दल कुछ कमेटियां भी बना सकते हैं. जिसमें तमाम दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. ये कमेटी ही आने वाला रोडमैप तैयार करेगीं. 


क्षेत्रीय दलों की ताकत कम
भले ही एनडीए और विपक्ष की बैठक में 60 से ज्यादा दल जुट रहे हों, लेकिन इनमें से कुछ ही दल ऐसे हैं, जिनका लोकसभा में प्रतिनिधित्व है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 545 सदस्यीय लोकसभा में केवल नौ पार्टियों के पास 10 सीटें या उससे ज्यादा हैं. इन 9 पार्टियों के पास 479 सदस्य हैं. यानी विपक्षी दलों और एनडीए के सहयोगी दलों में कुछ ऐसे दल भी शामिल हैं, जिनका लोकसभा में कोई भी सांसद नहीं है. लोकसभा में कुल 37 दलों के सांसद हैं. 


बीजेपी की नजर इस बार साउथ पर टिकी हुई है. बीजेपी दक्षिण में किसी भी हाल में सेंधमारी करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी एआईएडीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस, केरल कांग्रेस (थॉमस) और भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन से दक्षिण में संभावनाएं तलाश रही है. जहां वो किसी भी राज्य की सत्ता में नहीं है. 



ये भी पढ़ें - ABP C-Voter Survey: राहुल नहीं तो कौन हो विपक्ष का चेहरा? सर्वे में खुलासा, जानें उनके बारे में सब