Israel Palestinian Conflict: फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के भीषण हमले के बाद इजरायल के जंग के माहौल से निकालकर 286 और नागरिकों को भारत सरकार के चर्चित "ऑपरेशन अजय" के तहत नई दिल्ली लाया गया है. इसमें नेपाल के भी 18 नागरिक शामिल हैं.
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने हवाई अड्डे पर इन सभी नागरिकों का स्वागत किया है. इन सभी को ऑपरेशन के तहत विशेष चार्टर्ड प्लेन से स्वदेश लाया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऑपरेशन अजय के तहत पांचवीं उड़ान में 18 नेपाली नागरिकों सहित 286 यात्री पहुंचे हैं.
ऑपरेशन अजय की पांचवीं उड़ान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्वीटर) पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "ऑपरेशन अजय के तहत पांचवीं उड़ान में 18 नेपाली नागरिकों सहित 286 यात्री पहुंचे." उन्होंने सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन की हवाई अड्डे पर यात्रियों के स्वागत की तस्वीरें भी साझा कीं. केरल सरकार के मुताबिक, फ्लाइट से आए यात्रियों में राज्य के 22 लोग थे.
खराब हो गया था स्पाइसजेट का विमान
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक स्पाइसजेट विमान A340 में रविवार को तेल अवीव में उतरने के बाद तकनीकी समस्या आ गई थी. बाद में समस्या को ठीक करने के लिए विमान को जॉर्डन ले जाया गया था. समस्या को ठीक करने के बाद विमान मंगलवार को तेल अवीव से लोगों को लेकर वापस लौट आया. विमान को मूल रूप से सोमवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी लौटने का कार्यक्रम था.
इजरायल और नई दिल्ली में लगातार काम कर रही हेल्पलाइन
इजरायल में भारतीय दूतावास ने 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर शुरू की है ताकि वहां रह रहे भारतीयों को हर तरह की मदद मिल सके. नई दिल्ली में एक कंट्रोल रूम खोला गया है जो 24 घंटे इजरायल और फिलिस्तीन मैं भारतीयों की स्थिति पर नजर रख रहा है. नियंत्रण कक्ष के लिए फोन नंबर 1800118797 (टोल फ्री), +91-11 23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905 और +919968291988 हैं. मदद के लिए ईमेल आईडी situation@mea.gov.in है.
तेल अवीव में भी भारतीय दूतावास की 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +972-35226748 और +972-543278392 जारी किया गया है. इसके साथ ही लोगों की मदद के लिए cons1.telaviv@mea.gov.in ईमेल आईडी भी जारी किया गया है.
अपने खर्च पर भारतीयों को ला रही भारत सरकार
आपको बता दें कि इजरायल में रहने वाले भारतीयों की तादाद 18000 है. इनमें से ज्यादातर छात्र, आईटी प्रोफेशनल्स, व्यापारी शामिल हैं. भारत लौट रहे लोगों को वापस लाने का खर्चा खुद सरकार उठा रही है. हालांकि दिल्ली लौटने के बाद नागरिक अपने अपने राज्यों में या तो अपने खर्च पर जा रहे हैं या राज्य सरकारें उसका वहन कर रही हैं.
ये भी पढ़ें:Varanasi: 'कुछ देर बंकर में रहकर खुद को सेफ रखा', इजरायल से लौटे छात्र ने बताया कैसे बचाई जान