भारतीय तटरक्षक बल ने शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को ओडिशा तट पर द्रुतगामी गश्ती पोत ‘अदम्य’ का जलावतरण किया, जिससे बंगाल की खाड़ी में सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, अधिकारियों ने यह जानकारी दी. संयुक्त सचिव (रक्षा नीति, सशस्त्र बल शाखा, सीएसडी एवं योजना) सत्यजीत मोहंती ने यहां एक समारोह में इस पोत को औपचारिक रूप से तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल किया.
यह ‘गोवा शिपयार्ड लिमिटेड’ की ओर से भारतीय तटरक्षक बल के लिए बनाए जा रहे आठ द्रुतगामी गश्ती पोतों में एक है. इस गश्ती पोत को पारादीप में तैनात किया जाएगा. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ‘सशक्त भारत’ के लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है और ओडिशा भारत के समुद्री सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहा है.
बंगाल की खाड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा को देगी मजबूती
माझी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, 'पारादीप में तीव्र गश्ती पोत ‘अदम्य’ को (तटरक्षक बल के) बेड़े में शामिल करना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है और यह राज्य के बढ़ते सामरिक महत्व को भी दर्शाता है. सुरक्षा क्षमता में यह महत्वपूर्ण वृद्धि तटीय निगरानी को मजबूत करेगी, हमारे विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और बंगाल की खाड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करेगी. मैं भारतीय तटरक्षक बल को इस सराहनीय उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देता हूं.’
एक अधिकारी ने बताया कि 50 किलोमीटर प्रति घंटे या 27 समुद्री मील की गति वाले इस तीव्र गश्ती पोत को पारादीप में तैनात करने का उद्देश्य उचित गश्त सुनिश्चित करना, घुसपैठ और समुद्री डकैती पर लगाम लगाना और समुद्र में फंसे लोगों को बचाना है.
गश्ती पोत में 5 अधिकारी और 34 अन्य कर्मचारी होंगे मौजूद
उन्होंने कहा कि इस तीव्र गश्ती पोत में पांच अधिकारी और 34 अन्य कर्मचारी होंगे. अधिकारी ने बताया कि यह भारतीय तटरक्षक बल को समुद्री कानून क्रियान्वयन, तटीय निगरानी, खोज, बचाव कार्यों और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा के लिए सक्षम बनाएगा.
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