बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट परमानेंट निलंबित होने पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने तंज कसा है. उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'Koo App को अब नया ब्रांड एंबेसडर मिल गया है.' वहीं ट्विटर की ओर से कहा गया है कि कंगना रनौत ने ट्विटर के नियमों का उल्लंघन किया है. इसलिए उनका अकाउंट हमेशा के लिए निलंबित किया जा रहा है. उसके बाद से कंगना रनौत का अकाउंट ट्विटर पर दिखना बंद हो गया है. सर्च करने पर भी कंगना रनौत का अकाउंट नहीं दिखेगा.






कंगना पर विवादित ट्वीट करने के आरोप 
कंगना रनौत पर आरोप है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद कुछ विवादित ट्वीट्स किए थे, जिसको लेकर उन पर केस भी दर्ज हुआ है. उसी को देखते हुए ट्विटर ने उनके अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की है. कंगना रनौत ने अपने ट्वीट में कहा था, 'पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या बड़ी संख्या में है. इससे क्लियर है कि हिंदू वहां बहुमत में नहीं हैं और डेटा के अनुसार बंगाली मुस्लिम बेहद गरीब और वंचित हैं. अच्छा है दूसरा कश्मीर बनने जा रहा है.'


कोलकाता पुलिस ने दर्ज की थी शिकायत
कंगना रनौत के इन ट्वीट्स के बाद कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल के लोगों की भावनाएं आहत करने के आरोप में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. एडवोकेट सुमित चौधरी की ओर से की गई शिकायत में एक्ट्रेस के तीन ट्वीट्स को भी जोड़ा गया है. 


क्या कहा ट्विटर ने 
ट्विटर की ओर से कहा गया, 'हम स्पष्ट हैं कि हर उस व्यवहार पर कार्रवाई करेंगे, जिससे किसी भी तरह का ऑफलाइन नुकसान हो सकता है. कंगना रनौत का अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. उनके अकाउंट से लगातार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था. हम निष्पक्ष तरीके से ट्विटर के नियमों को सभी पर लागू करते हैं.'


कंगना ने कहा- गुलाम बनाना चाहते हैं गोरे
हमेशा के लिए ट्विटर अकाउंट सस्पेंड होने पर कंगना रनौत ने कहा, 'ट्विटर ने केवल मेरी बात को साबित किया है कि वे अमेरिकी हैं और एक सफेद व्यक्ति को जन्म से ही एक भूरे रंग के व्यक्ति को गुलाम बनाने का हक लगता है. वे आपको बताना चाहते हैं कि क्या सोचना, बोलना या क्या करना है. मेरे पास कई मंच हैं, जिनका उपयोग मैं अपनी आवाज को उठाने के लिए कर सकती हूं. मेरी फिल्में भी मेरे लिए एक मंच है. सिनेमा के रूप में भी मैं अपनी बात रख सकती हूं. मेरा ध्यान और दिल उन लोगों पर लगा है जिन्हें हजारों वर्षों से यातना, गुलाम और सेंसर किया गया है. उनके इस दुख का अभी कोई अंत नहीं है.'


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