श्रीनगर: कश्मीर में सेना की जीप पर बांधकर लोगों की जान बजाने वाले मेजर गोगोई के सम्मान पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए हैं, उमर अब्दुल्ला ने इंडियन एक्सप्रेस में इस घटना को लेकर एक लेख लिखा है.

उमर अब्दुल्ला ने लेख में लिखा, ''पहली बात यह कि जीप पर बांधे जाने वाले डार ने खुद कहा है कि वो पत्थरबाज नहीं है, वो सिर्फ वोट देने आए थे. अगर वो पत्थरबाज भी था तब भी सवाल ये है कि क्या किसी इंसान को इस तरह बचाव के लिए हम जीप बांध सकते हैं.''

उमर अब्दुल्ला ने आगे लिखा, ''मेजर गोगोई ने जो किया क्या उन्हें ऐसा करने का अधिकार है ? क्या जीप से बांधे जाने वाले शख्स के आत्मसम्मान का हनन नहीं हुआ?''

 ट्वीट कर कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को ढोंग बताया अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘भविष्य में, कृपया सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का तमाशा करने का कष्ट ना उठाए. साफ तौर पर जो अदालत मायने रखती है वह है जनमत की अदालत.’’

उमर अब्दुल्ला ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘‘जिनेवा-विएना जैसी अंतरराष्ट्रीय संधियों पर तभी बात हो सकती है जब भारत दूसरों पर उल्लंघनों का आरोप लगाता है. जैसा कि हम कहते हैं वैसा करो ना कि जैसा हम करते है वैसा.’’

एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान सेना के वाहन पर एक व्यक्ति को बांधा हुआ है. इस वीडिया के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश पैदा हो गया था जिसके कारण सेना को जांच शुरू करनी पड़ी और पुलिस को अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा.