Jammu Kashmir Ex CM Interview: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आऱोप लगाया है. उनका कहना है कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि रमजान के दौरान इतनी बिजली कटौती हो रही है. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने बिजली कटौती के अलावा कई और अहम मुद्दे उठाए. उन्होंने हनुमान चालीसा कांड पर नवनीत राणा की गिरफ्तारी पर भी अपनी बात कही. आइए जानते हैं क्या-क्या कहा उमर अब्दुल्ला ने.


पहली बार इतनी बिजली कटौती


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, रमजान के इस पाक महीने में जरूरी वक्त पर बिजली न काटी जाए. पहली बार ऐसा हो रहा है कि इतनी कटौती रमजान में हो रही है. या तो इसमें लापरवाही है या जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है. मान लीजिए दिनभर बिजली रहती है, लेकिन सहरी और इफ्तारी के दौरान ही बिजली कैसे गुल हो जाती है. ये समझ से परे है.


अतिक्रमण के मुद्दे पर भी बोले


पिछले कुछ महीनों में देश में हुए दंगों और उसके बाद आरोपियों के घरों पर चले बुलडोजर पर भी उमर अब्दुल्ला बोले. उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी में हिंदू-मुसलमान के बीच दंगे हुए. लेकिन अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई सिर्फ जहांगीरपुरी में ही हुई. क्या दिल्ली में सिर्फ यहीं पर अवैध अतिक्रमण हैं. क्यां कहीं और दिल्ली में अवैध निर्माण नहीं हुआ है. मस्जिदों के पास से जुलूस निकलता है तो ये कहा जाता है कि इस देश में रहना है तो जयश्रीराम कहना है. इस तरह के नारे पर कार्ऱवाई क्यों नहीं होती है. देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है.



डरा हुआ है आज मुसलमान


आज मुसलमान डरा हुआ है. कश्मीर में हम बहुसंख्यक हैं इशलिए माहौल ठीक है, लेकिन इस रियासत के बाहर मुसलमानों में डर है. उनको विश्वास देने की जरूरत है. पाकिस्तान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश मेरा दोस्त नहीं है. मैं अपने देश के लिए बात करता हूं. मुझे दिक्कत अपने देश के लोगों को हो रही तकलीफ से है. मैं चाहता हूं कि जो यहां हैं वो ठीक से रहें.


केंद्र सरकार को सबको साथ लेकर चलना चाहिए


केंद्र सरकार अपना मैनिफेस्टो लागू करे, हिंदुओं के लिए कुछ करे, उससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. राम मंदिर बनाने की इजाजत कोर्ट ने दी, उस पर हमने कभी कोई हल्ला नहीं मचाया है. लेकिन पीएम को सबको साथ लेकर चलना होगा. नवरात्र में मीट की दुकान बंद करा दी जाती हैं, ऐसा क्यों. अगर बहुसंख्यक का ध्यान रखकर ऐसा हो रहा है, तो कश्मीर में हम भी बहुसंख्यक हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते. हमारा रोजा चल रहा है, लेकिन अब भी टूरिस्ट के लिए कश्मीर में सबकुछ खुला है.


हमें जानबूझकर छेड़ा जा रहा है


हमें जानबूझकर छेड़ा जा रहा है. हमारे जज्बातों से खेलकर हमें दबाया जा रहा है. हम किसी हुकुमत को हटाकर ही किसी समस्या का समाधान क्यों चाहते हैं. जब पीएम ने कहा है कि वह सबके प्रधानमंत्री हैं, किसी खास धर्म के नहीं, तो फिर हमारे जज्बातों की कद्र क्यों नहीं.


प्रधानमंत्री से उम्मीद


मैं सरकार से उम्मीद रखता हूं कि हमारे जज्बातों की कद्र हो. हमारे डर को देखा जाए और उसका हल निकाला जाए. नवनीत राणा पर देशद्रोह लगाने के मुद्दे फर भी उमर अब्दुल्ला ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि देशद्रोह लगाना गलत है. अगर कोई सीएम के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहता है तो क्या दिक्कत है. आप मेरे घर के बाहर आकर हनुमान चालीसा पढ़िए, जयश्रीराम के नारे लगाइए, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है.


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