नई दिल्ली: ऑर्डेनेंस फैक्ट्री बोर्ड यानि ओएफबी ने इजरायल की मदद से 25 हेवी मशीन गन बनाकर नौसेना और कोस्टगार्ड को सौंप दी हैं. इन रिमोट कंट्रोल मशीन गन्स को समुद्री जहाज में लगाया जाता है. ओएफबी के मुताबिक, 12.7 एमएम की ये 2-नाटो स्टैंडर्ड हैवी मशीन गन, जिन्हें स्टैबेलाइजड रिमोट कंट्रोल गन (एसआरसीजी) भी कहा जाता है तमिलनाडु के त्रिचापल्ली की ऑर्डेनेंस फैक्टी त्रिची में बनाई गई हैं. इसके लिए इजरायल की एलबिट-सिस्टम्स ने ओएफबी को हैवी मशीनगन की तकनीक सौंपी थी (ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी यानि टीओटी).


इन 25 एसआरसीजी गन्स में से 15 नौसेना को और 10 कोस्टगार्ड को दी गई हैं. शनिवार को त्रिचापल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान ओएफबी ने इन मशीनगन्स को नौसेना और कोस्टगार्ड के अधिकारियों को सौंपी.


ओएफबी के मुताबिक, ये एसआरसीजी मशीन गन्स मरीन एपलीकेशन (ऑपरेशन्स) के लिए हैं और रिमोट के जरिए लक्ष्य को भेद सकती हैं. ये गन्स सीसीडी कैमरा, थर्मल-इमेजर और लेजर रेंज फाउंडर से लैस हैं. यही वजह है कि ये गन्स दिन और रात दोनों में इस्तेमाल की जा सकती हैं. ओएफबी के मुताबिक, इन एसआरसीजी गन्स के स्वेदशी निर्माण के लिए ऑर्डेनेंस फैक्ट्री त्रिची में आधुनिक एसेंबली लाइन और टेस्टिंग सुविधाएं लगाई गई हैं. इन मशीन-गन्स का चरणबद्ध तरीके से निर्माण किया जाएगा.


बता दें कि सरकार ने ओएफबी के कॉर्पोरेटाइजेशन (निगमीकरण) को मंजूरी दे दी है. इसके विरोध में ओएफबी की ट्रेड-यूनियन हड़ताल पर जाने की धमकी दी रही हैं. इस बावत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी दिल्ली में ओएफबी के तीन कर्मचारी (सिविल-डिफेंस) संगठनों से बैठक भी की थी. इस बैठक में रक्षा मंत्री ने ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया था कि कॉरपोरेटाइजेशन के बाद ओएफबी में सरकार की 100 प्रतिशत भागीदारी रहेगी और सभी कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखा जाएगा.


सरकार का मानना है कि ओएफबी की कार्य़प्रणाली को सुधारने के लिए कॉर्पोरेटाइजेशन किया जा रहा है. रक्षा मंत्री ने ये भी भरोसा दिलाया कि कर्मचारी संगठनों को अगर भविष्य में कोई शिकायत होती भी है तो सरकार द्वारा गठित एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स उसपर जरूर ध्यान देगी.


Monsoon Session: कल संसद में हो सकता है हंगामा, किसान-महंगाई और वैक्सीन का मुद्दा रह सकता है हावी