Crime News: ओडिशा के बालासोर जिले में डीआरडीओ के एकीकृत परीक्षण रेंज के चार ठेका कर्मचारियों को मंगलवार को संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंटों को कथित रूप से गोपनीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी संभाग) हिमांशु कुमार लाल ने बताया कि शुरूआत में चारों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की गई और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

बालासोर पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि यह कार्रवाई उन खुफिया सूचनाओं के आधार पर की गई है, जिनमें कहा गया था कि कुछ लोग गलत तरीके से या जानबूझकर रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी विदेशी एजेंटों जोकि पाकिस्तानी प्रतीत होते हैं को दे रहे हैं. इनसे (एजेंटों से) विभिन्न आईएसडी फोन नंबरों के माध्यम से संपर्क किया जा रहा है.

इसमें कहा गया है कि कई पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिनमें पुलिस उपाधीक्षकों और निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया और छापेमारी के बाद चांदीपुर के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एकीकृत परीक्षण रेंज के संविदा कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया.

बयान में कहा गया है कि उन पर गोपनीय जानकारी विदेशी एजेंटों को देने और इसके बदले आर्थिक लाभ हासिल करने का आरोप है. पुलिस के अनुसार उनके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है.

बयान में कहा गया है कि चारों के खिलाफ चांदीपुर पुलिस थाने में इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इससे पहले भी 2014 में बालासोर में संविदा छायाकार ईश्वर बेहरा को परीक्षण केंद्र से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में पकड़ा गया था. सत्र न्यायालय ने 11 फरवरी को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पूर्व संविदा कर्मचारी बेहरा को चांदीपुर और कलाम द्वीप में स्थित मिसाइलों के परीक्षण और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में रक्षा जानकारी साझा करने के लिए अबू धाबी, मेरठ, मुंबई, बिहार और आंध्र प्रदेश से धन प्राप्त हुआ था.

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