तिरुवनंतपुरम: केरल के तट पर आए ओखी तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है. उधर, केन्द्र ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि लापता मछुआरों की खोज का अभियान जारी रहेगा. तूफान में लापता मछुआरों के लिए बचाव एवं राहत अभियान की निगरानी कर रहे राज्य नियंत्रण कक्ष ने 12 और शव मिलने के बाद मरने वालों की कुल संख्या 66 बताई.


राज्य के तटीय क्षेत्रों में 29 और 30 नवंबर को तूफान ने तबाही मचाई थी. अधिकारियों ने कहा कि कल देर रात दो और शव मिले. बरामद 12 शवों में नौ कोझीकोड जबकि कोच्चि, त्रिचूर और मलप्पुरम में एक एक शव मिला. कल रात कोच्चि के तट पर दो शव मिले थे. अधिकारियों ने कहा कि 95 मछुआरे अब भी लापता हैं.


मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि केन्द्र ने लापता मछुआरों के लिए खोजी अभियान जारी रखने पर सहमति जताई है. विजयन ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के आग्रह पर समुद्र में तलाशी अभियान जारी रखने पर सहमति जताई है.


मुख्यमंत्री ने कहा हालांकि तूफान के दिनों में समुद्र में उतरे मछुआरों के बारे में पूरी जानकारी अभी भी नहीं मिल पाई है.


विजयन ने कहा, "कई मछुआरे नौकाओं और छोटे जहाजों से समुद्र में गए थे. चिंता उन लोगों की है जो छोटे जहाजों में गए थे." लापता मछुआरों के विवादित आधिकारिक आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि "इसपर विवाद करने की कोई जरूरत नहीं है." मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने के प्रयास के बारे में विजयन ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के साथ मिलकर ऐसी प्रणाली लाने की योजना बनाई जा रही है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राहत और पुनर्वास के कार्यों की गति तेज करेगी.


उन्होंने बताया कि तूफान में मारे गए मछुआरों के परिवारों को एक बार में 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी और "यह राशि बहुत जल्द बिना किसी रुकावट के दी जाएगी." उन्होंने कहा कि पांच लाख रुपए की राशि उन लोगों को "वैकल्पिक आजीविका" प्रयास के तहत दी जाएगी जो गंभीर रूप से घायल हुए हैं और भविष्य में काम नहीं कर पाएंगे.