न्यायमूर्ति एनवी रमना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुन लिए गए हैं. सीजेआई एसए बोबडे ने केंद्र सरकार से एनवी रमना के नाम की सिफारिश की थी जिसके चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इनके नाम पर मंजूरी दे दी है. इसलिए 23 अप्रैल को न्यायाधीश बोबडे के रिटायर होने के बाद 24 अप्रैल को न्यायमूर्ति एनवी रमना अगले सीजेआई के तौर पर शपथ लेंगे. हालांकि एनवी रमना ज्यादा समय तक CJI पद पर काम नहीं कर सकेंगे क्योंकि उनके कार्यकाल में दो साल से भी कम का समय बचा है और वो 26 अगस्त 2022 को रिटायर हो जाएंगे.


वैसे रमना 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. वहीं हैरान करने वाली बात ये थी कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाई कोर्ट में जस्टिस रमना के दखल करने को लेकर शिकायत की थी. लेकिन CJI बोबडे ने उनकी शिकायत को खारिज करते हुए रमन्ना के नाम की सिफारिश सरकार से की थी.


कितनी है CJI की सैलरी ?


पिछले साल कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी में करीब 200 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की थी. इस बढ़ोत्तरी के बाद CJI की सैलरी अब  2,80,000 रुपए प्रति महीना हो गई है. जबकि पहले CJI की सैलरी 1 लाख रुपए महीने थी. इसलिए अब जस्टिस रमन्ना को 2,80,000 रुपए प्रति महीना मिलेगा.


जस्टिस रमना साल 2000 में बने थे आंध्र प्रदेश HC के जज


जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. वो पहली बार 10 फरवरी 1983 को वकील बने थे. रमना को 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया था.


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