No Discussion on Sidhu: पंजाब में कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है. इसी तैयारी के तहत आनंदपुर साहिब, होशियारपुर और जालंधर में पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इन बैठकों में पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने पूर्व पंजाब प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का सार्वजनिक रूप से जिक्र न करने का फैसला लिया है. इसके अलावा उन्होंने अनुशासनहीनता का मुद्दा भी बैठक में उठाया और इसपर अपनी चिंता जाहिर की. बैठक में हुई चर्चा के दौरान सिद्धू का व्यवहार भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना.


इन बैठकों में पार्टी के नेताओं न वरिष्ठ नेताओं की अनुशासनहीनता का मुद्दा भी उठाया. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस को इस अनुशासनहीनता की वजह से नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल हाल ही में पंजाब कांग्रेस में हुए घटनाक्रम के बाद सूबे के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को किनारे किया जा रहा है. हाल ही में सिद्धू ने अपने अंदाज में ट्विटर पर शायरी लिखकर इन दावों को और भी हवा दे दी थी. 


जब सिद्धू के करीबियों पर हुआ एक्शन


27 जनवरी को कांग्रेस पार्टी के नए पंजाब प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मोगा में सिद्धू की रैली आयोजित करने वाले दो नेताओं को सस्पेंड कर दिया था. इनमें एक विधायक महेश इंदर सिंह और उनके बेटे धर्मपाल सिंह शामिल हैं. राजा वडिंग की इस कार्रवाई के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्विटर पर एक शेर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, 'न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों का कोई मीनार गिरा पर, मुझे गिराने की कोशिश में हर शक्स बार-बार गिरा.' इस ट्वीट को राजनीतिक जानकार सिद्धू का इस कार्रवाई का जवाब बता रहे हैं. 


...और कांग्रेस ने दे दी सिद्धू को जिम्मेदारी


पंजाब में कांग्रेस पार्टी के नेता कई बैठकों में सिद्धू के व्यवहार को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. हालांकि उनके खिलाफ कोई एक्शन अभी तक पार्टी ने नहीं लिया है. इसकी जगह हाल ही में कांग्रेस हाई कमान ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सिद्धू को पंजाब चुनाव समिति का सदस्य बना दिया है.


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