उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि, 1 अप्रैल से हरिद्वार के कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य नहीं होगा. राज्य सरकार के इस फैसले से कुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को राहत मिलने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लिए गए देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण मंडल के विवादित फैसले पर पुनर्विचार करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि, "हम इन विवादास्पद मामलों में जनभावना को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला लेंगे."



साधु संतों ने जताई थी नाराजगी 


कुंभ मेले के दौरान कोरोना के लिए जारी की गई केंद्र और राज्य सरकार की एसओपी और कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर साधु संतों समेत श्रद्धालुओं ने भी अपनी नाराजगी जताई थी. साधु संतों का साफ कहना था कि, कुंभ का नाम आते ही सरकार कई तरह की बंदिशें लगा रही है, जबकि देश के कई राज्यों में चुनाव की तैयारी चल रही है, वहां पर सरकार को कोरोना का साया नहीं दिखता है.


देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड एक्ट पर होगा पूनर्विचार 


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, उनकी सरकार देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड एक्ट पर भी पुनर्विचार करेगी. इस एक्ट के अंतर्गत राज्य में स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत 55 मंदिर के रखरखाव, बुनियादी सुविधाओं और ढांचागत सुविधाओं को पूर्व की त्रिवेंद्र रावत की सरकार ने अपने अधिकार में लेने का फैसला लिया था. मुख्यमंत्री ने कहा, "देवस्थानम बोर्ड के फैसले को लेकर मैं इन मदिरों के पुजारियों से बातचीत कर उनका पक्ष भी जानने का प्रयास करुंगा. दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित कर ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा."


गैरसैंण के मुद्दे पर होगा जनभावना का ख्याल 


पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किए गए गैरसैंण मंडल के गठन को लेकर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि, "इस मामले में हम जनभावना को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लेंगे." गौरतलब है कि, गैरसैंण मंडल के गठन के फैसले से स्थानीय क्षेत्र के लोगों के साथ साथ पार्टी के कई विधायक भी नाराज हैं.


यह भी पढ़ें  


शोपियां के रावालपोरा में मुठभेड़, मारा गया एक आतंकवादी, सर्च ऑपरेशन जारी


एंटीलिया विस्फोटक मामलाः 12 घंटे की गहन पूछताछ के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे गिरफ्तार