नई दिल्ली: आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ आज ससंद में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने की उम्मीद है. प्रस्ताव को लेकर कुछ पार्टियों को छोड़कर लगभग पूरा विपक्ष अब एकजुट नज़र आ रहा है. टीडीपी और टीडीपी की घोर विरोधी आंध्र की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या इस अविश्वास प्रस्ताव से ये सरकार गिर सकती है?


NDA सहयोगियों ने BJP (भारतीय जनता पार्टी) का साथ नहीं दिया तो क्या होगा?


एनडीए सहयोगियों में सबसे ज़्यादा 18 सांसद शिवसेना के पास है और शिवसेना का रूख मोदी सरकार को लेकर बहुत स्पष्ट नहीं रहा है. वहीं बिहार की आरएलएसपी के पास तीन और अपना दल के पास दो सांसद हैं लेकिन प्रतापगढ़ से सांसद हरिवंश भी मोदी सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं. ऐसे में ये कुल संख्या 22 हो जाती है. अगर ये सहयोगी पार्टियां एनडीए का साथ नहीं देतीं तो एनडीए के पास 313-22 यानी 291 सांसद बचेंगे. तब भी ये संख्या बहुमत से 22 ज्यादा है.


अगर एनडीए के साथ-साथ बीजेपी में भी बगावत हो गई तो क्या होगा?


बीजेपी के पास 272 सासंद हैं. बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुघन सिन्हा मंत्री नहीं बनाए जाने से पार्टी से लगातार नाराज रहे हैं. आडवाणी खेमे के माने जाने वाले सिन्हा के हमेशा से पार्टी और सरकार को लेकर बगावती तेवर रहे हैं. बिहार के ही दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद पार्टी से निलंबित चल रहे हैं. इन्हें मोदी के करीबी वित्त मंत्री जेटली का विरोधी माना जाता है. वहीं बिहार के ही बेगूसराय के सांसद भोला सिंह की भी पार्टी में उपेक्षा से नाराज बताए जा रहे हैं.


यूपी के इलाहाबाद से सांसद श्याम चरण गुप्ता भी विधानसभा में बेटे और बेटी को टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. वहीं यूपी के ही सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी भी कद के मुताबिक पद चाहते हैं. यूपी के कैसरगंज के सासंद बृजभूषण शरण सिंह नगर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के मुरैना से सांसद अनूप मिश्रा सरकार के कामकाज की आलोचना कर चुके हैं और हरियाणा के कुरुक्षेत्र से सांसद राज कुमार सैनी हरियाणा सरकार से नाराज हैं.


क्या अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को डरना चाहिए?


अगर ऐसे समीकरण बने तो सरकार गिर भी सकती है. अगर एनडीए के सभी साथी पार्टी का साथ छोड़ दे तो इस हालत में बीजेपी के अपने 272 सांसद बचेंगे. अभी बीजेपी के आठ सांसद बागी दिख रहे हैं. इस हिसाब से बीजेपी के पास 264 सांसद बचेंगे. स्पीकर का वोट भी जोड़ लें तो संख्या 265 होगी. बहुमत के लिए 269 वोट चाहिए. इस हालत में चार वोट से सरकार गिर जाएगी. लेकिन इन तमाम जोड़-घटाव के बाद भी ऐसा मुश्किल ही लगता है कि  इस सरकार को किसी प्रकार का ख़तरा है.