मुस्लिम महिला का हिजाब खींचने की घटना के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना पर नाराजगी जताई है और नीतीश कुमार से महिला डॉक्टर से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने बीजेपी नेता गिरिराज सिंह के बयान पर भी नाराजगी जताई और कहा कि अगर उन्होंने किसी हिंदू महिला का घूंघट उतारा होता तब भी क्या बीजेपी का यही रिएक्शन होता.

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पिछले दिनों मुख्यमंत्री सचिवालय में आयुष डॉक्टर्स को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे, जिनमें एक मुस्लिम महिला डॉक्टर भी शामिल थीं. उस डॉक्टर को नियुक्ति पत्र देते समय नीतीश कुमार ने उनके नकाब को टच किया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जैसे ही यह वीडियो सामने आया तो कई लोग बुरी तरह नाराज हो गए. 

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'पहले तो एक सेकंड के लिए छोड़ दीजिए कि वह एक मुस्लिम महिला थी, हिजाब था. सिर्फ महिला पर भी इस तरह हाथ उठाना या उनके कपड़ों को छेड़ना ये कहां पर सही है. क्या आप ये करते, मैं कभी नहीं करता तो उनको क्या जरूरत महसूस हुई कि औरत के कपड़ों को वह हाथ लगाएं. उसके बाद एक मुस्लिम महिला के हिजाब को इस तरह उतारना, यहां तक कि मैं आज पढ़ रहा था कि वो लेडी डॉक्टर अब अपना ऑर्डर लेना ही नहीं चाहती. वह कहती हैं कि वह अब सर्विस जॉइन ही नहीं करेंगी.'

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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक तो नीतीश जी को अपनी गलती का एहसास होना चाहिए, फिर उस डॉक्टर को बुलाकर उससे माफी मांगनी चाहिए और कोशिश की जानी चाहिए कि वह अपने इस फैसले को बदल दें और सर्विस में आकर लोगों की खिदमत करें. 

भारतीय जनता पार्टी के सांसद गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार के इस बर्ताव का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई नियुक्ति पत्र लेने जा रहा है, तो क्या उसे अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए. क्या यह कोई इस्लामिक देश है. नीतीश कुमार ने अभिभावक की भूमिका निभाई. उन्होंने यह भी कहा कि यह महिला पर निर्भर है कि वह सरकारी नौकरी को ठुकरा दे या जहन्नुम में जाए.

गिरिराज सिंह के बयान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'बीजेपी से तो आप यही उम्मीद करोगे न. अगर ये हरियाणा या राजस्थान में किसी हिंदू औरत का घूंघट होता और मैंने उतारा होता तो क्या बीजेपी वाले यही कहते. अगर किसी मुसलमान लीडर ने किसी हिंदू औरत का घूंघट उतारा होता तो कितना बवाल होता. चूंकि ये डॉक्टर मुसलमान थी इसलिए बीजेपी का रिएक्शन अलग है. हम इनसे यही उम्मीद कर सकते हैं. इससे ज्यादा तो कुछ उम्मीद नहीं कर सकते.'

 

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