Nitin Gadkari In Parliament On Road Accidents : संसद का शीतकालीन सत्र फिलहाल चल रहा है. इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा के दौरान पक्ष विपक्ष के बीच हंगामा बरपा हुआ है. इस बीच गुरुवार (7 दिसंबर) को सदन में एक सवाल ऐसा भी आया, जिसके जवाब में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को कहना पड़ा, "सॉरी यह हमारे विभाग की विफलता है."


दरअसल एक्सप्रेस वे पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को सड़क पर चलते समय सुरक्षा संबंधी ट्रैफिक कानूनों को मानना पड़ेगा तभी ऐसी घटनाओं में कमी आएगी.


"दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम सड़क दुर्घटनाओं को रोक नहीं पा रहें"
 लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कोटागिरि श्रीधर के एक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं हो रही है.’ गडकरी ने देश में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें लोगों की मृत्यु पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उनका विभाग सतत प्रयास के बावजूद जानलेवा सड़क हादसों को रोक नहीं पाया है. 


"गति सीमा में ढील देने की मांग कर रहे हैं लोग"
उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर एक तरफ कुछ लोग गति सीमा बढ़ाने की मांग करते हैं और इस संबंध में कानून में ढील का अनुरोध करते हैं, तो कुछ लोग गति सीमा को कम करने का प्रस्ताव देते हैं. उन्होंने कहा, "एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की गति कम से कम 100 किलोमीटर  प्रति घंटे से ज्यादा होती है. कोई 140 को 160 किलोमीटर तक की स्पीड से गाड़ी चलाता है. मंत्री ने कहा कि इनके अलावा सर्विस लेन को जोड़ने से भी समस्याएं आ रही हैं.


"लगातार बढ़ती जा रही है सड़क दुर्घटनाएं"
हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी को लेकर आंकड़े पेश करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, "2021 में देश में 4 लाख 12 हजार 432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं तो इससे अगले वर्ष ऐसे 4 लाख 61 हजार 312 मामले सामने आए. इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.


गडकरी ने कहा कि इसी तरह सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले 2021 में एक लाख 53 हजार 972 से बढ़कर 2022 में एक लाख 68 हजार 491 हो गए, जिनमें करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.


दुर्घटनाओं में सबसे अधिक हो रही युवाओं की मौत
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि सड़क दुर्घटनाओं से देश की जीडीपी को 3.14 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है. सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इनमें मौत के 67 प्रतिशत मामले 18 से 45 साल के युवाओं के होते हैं.’’


गडकरी ने कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख है कि मामले में मेरे विभाग को सफलता नहीं मिल रही है. मैं नौ साल से कोशिश कर रहा हूं, लेकिन हम सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और इनमें मौत के मामलों को रोक नहीं पा रहे हैं.


सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए लोगों को बदलना होगा व्यवहार
नितिन गडकरी ने लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए ट्रैफिक कानूनों के पालन को अनिवार्य बताया. उन्होंने कहा कि यह सबसे अधिक मानव व्यवहार की समस्या है और लोगों को इस संबंध में कानूनों का पालन करना होगा. छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा. गाड़ियों की गति सीमित हो, ड्राइविंग करते समय फोन पर बात ना करें, जैसी छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखकर ऐसी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है.


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