Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले की जांच में जुटी एनआईए की टीम अब सबूत तलाशने के लिए जम्मू पहुंची है. जांच एजेंसी ने जम्मू के कोट भलवाल जेल में बंद दो आतंकियों से पूछताछ की है. पहलगाम हमले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को पुंछ जिले के मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन से गिरफ्तार आतंकियों के दो मददगारों से पूछताछ की. यह दोनों आरोपी जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद हैं. आतंकियों के इन मददगारों पर ढांगरी और भट्टा दुरियन आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों की घुसपैठ कराने का आरोप है. सूत्र बताते हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भी जम्मू के राजौरी के डांगरी में हुए आतंकी हमले में शामिल दो आतंकी शामिल हो सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि कोट भलवाल जेल में जिन दो आतंकवादियों के मददगारों से पूछताछ हुई है उनकी पहचान निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन के रूप में हुई है. दोनों भट्टा दुरियन, मेंढर के निवासी हैं. निसार और मुश्ताक गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जम्मू के कोट भलवाल जेल में बंद हैं. निसार और मुश्ताक को 1 जनवरी, 2023 को राजौरी जिले के ढांगरी आतंकी हमले में कई दिनों की जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें सात नागरिक मारे गए थे.
आतंकवादियों ने पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा से की थी घुसपैठ
एनआईए की माने तो जांच के दौरान यह सामने आया कि ढांगरी और भट्टा दुरियन आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की थी और निसार और मुश्ताक ने इस तरफ उनकी घुसपैठ में मदद की थी. उन्होंने आतंकवादियों के लिए रहने, भोजन और अन्य आवश्यक चीजों की भी व्यवस्था इन्हीं दो आरोपियों ने की थी. गौरतलब है कि डांगरी हमले में शामिल एक या दो आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है, जबकि दो से तीन अभी भी जीवित हैं और 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार में उनकी संलिप्तता का संदेह है. सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने निसार और मुश्ताक से पूछताछ के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में विभिन्न स्थानों पर उनके संभावित ठिकानों के बारे में जानकारी शामिल है. उन्होंने कहा, "अगर एनआईए को उनसे आगे की पूछताछ की आवश्यकता होती है, तो आतंकी सहयोगियों को अदालत से रिमांड पर लिया जा सकता है."
कैसे अपने ठिकाने तक पहुंचे आतंकी? सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) से संचालित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडरों में से एक अबू कताल ने निसार और मुश्ताक को संभाला था और उन्हें पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा से पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ कराने, उनके लिए भोजन के अलावा सुरक्षित रहने की व्यवस्था करने और फिर आतंकी हमलों को अंजाम देने में उनकी मदद करने का निर्देश दिया था. सूत्रों ने बताया कि निसार और मुश्ताक ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा से उनके ठिकानों तक पहुंचाया और उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में मदद की, जब तक कि दोनों की पहचान नहीं हो गई और उन्हें गिरफ्तार नहीं कर लिया गया. उन्होंने कहा कि दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग दे सकते हैं जो दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में भी शामिल हो सकते हैं.
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