दिल्ली: पुलवामा हमले के सीधे तार पाकिस्तान से जुड़ने के सबूत NIA के हाथ लगे हैं. जांच एजेंसी को मसूद अजहर के भतीजे और इस मामले के मास्टरमाइंड उमर फारूक का पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद हुआ है. एनआईए को जांच के दौरान ऐसे अनेक अहम सबूत हाथ लगे हैं जो खुद पाकिस्तानी आतंकवादियों ने साजिश के दौरान खींचकर-बनाकर अपने आकाओं को पाकिस्तान भेजे थे. इनमें पुलवामा में सीआरपीएफ की बस को उड़ाने वाले बम के फोटो भी शामिल है.


भारत में आतंक फैलाने के मामले को लेकर पाकिस्तान एक बार फिर सबूतों के घेरे में है. पुलवामा हमले की जांच के दौरान जांच एजेंसी एनआईए को बहुत सबूत मिले हैं. इस हमले का मास्टरमाइंड कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर का भतीजा उमर फारूक पाकिस्तान से आया था. साथ ही उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के कहने पर पुलवामा हमले को अंजाम दिया था. एनआईए को मामले की जांच के दौरान उमर फारूक का पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद हुआ है. पाकिस्तानी पहचान पत्र पर पाकिस्तान की मोहर भी है उसका कोड नंबर भी है और मोहम्मद उमर फारूक के बारे में पूरी जानकारी भी है.


इस कार्ड पर स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है-


1- मोहम्मद उमर फारूक पिता का नाम- मोहम्मद इब्राहिम अतहर.


2- जन्मतिथि 20 अगस्त 1996


3- पाकिस्तानी पहचान पत्र नंबर 312024271643 -1 जारी करने की तिथि 3 सितंबर 2014


4- वैधता की तिथि 3 सितंबर 2021


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया की जांच के दौरान एनआईए की टीम उन तमाम मुठभेड़ वाली जगहों पर गई जहां पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. वहां से बरामद सामान में उमर फारूक का यह पाकिस्तानी पहचान पत्र भी बरामद हुआ था. उमर फारुक मौलाना मसूद अजहर का सगा भतीजा है और उसके पिता का नाम है इब्राहिम अतहर है. ये वहीं इब्राहिम अतहर है जो भारतीय जहाज आईसी 814 की हाईजैकिंग में मुख्य आरोपी था.


उसने अपने भाई को छुड़ाने के लिए इस जहाज का हाईजैक किया था. एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह आतंकी पुलवामा हमले की साजिश के दौरान अपनी हर गतिविधि की जानकारी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भेजते रहते थे. चाहे वह हमले के लिए तैयार किया जा रहा बम हो या फिर वहां पर और किस कश्मीरी को कट्टर आतंकवादी बनाने की तैयारी की जा रही हो. उससे जुड़ी हर जानकारी व्हाट्सएप और अन्य माध्यमों के जरिए समय-समय पर भेजी जाती थीं.


एनआईए को जांच के दौरान इस मामले में जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए जब उनकी जांच की गई तो उनमें  अनेकों फोटो भी बरामद हुए. बरामद हुई तस्वीरों में उन बमों की भी फोटो है जिनके जरिए 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ की गाड़ी को उड़ाया गया था. साथ ही इन तस्वीरों में इंसा जान नाम की लड़की की भी तस्वीर शामिल है जिसमें वह एमपी फाइव राइफल और पिस्तौल के साथ इस मामले के एक मुख्य आरोपी उमर फारूक के साथ बैठी नजर आ रही है. जान वही लड़की है जिसके घर में यह पाकिस्तानी आतंकवादी साजिश के दौरान छुपे थे. जांच के दौरान एनआईए ने इंशा जान और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए के मुताबिक उमर फारूक इंशा जान को भी अपनी उसी कट्टर मानसिकता की तरफ धीरे-धीरे धकेल रहा था जिसमें उसने आदिल दार को धकेला था और बाद में आदिल सुसाइड बॉम्बर बन गया था.


जांच के दौरान यह अहम खुलासा भी हुआ है की धमाके को अंजाम देने के लिए जो आरडीएक्स इस्तेमाल किया गया था उसे भारत में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी कई चरणों में भारत लेकर आए थे. फिलहाल एनआईए के पास जो ठोस सबूत मौजूद हैं पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका जवाब देने में काफी मुश्किल हो सकती है.


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