NIA Arrests PFI Workers: कोच्चि में स्थित एनआईए कोर्ट ने 11 पीएफआई (PFI) कार्यकर्ताओं को 7 दिनों के लिए एनआईए (NIA) की हिरासत में भेज दिया है. पीएफआई के इन कार्यकर्ताओं को गुरुवार को देशव्यापी छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों को अब 30 सितंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा. एनआईए ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के कार्यालयों और उसके नेताओं से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे. 


एजेंसी द्वारा शुक्रवार को अदालत में दायर एक रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, केरल में पीएफआई के पदाधिकारियों, सदस्यों और सहयोगियों ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया सहित आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया. हिंसक जिहाद के हिस्से के रूप में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देकर भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रची. 


क्या कहा एनआईए ने?


रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उन्होंने आपराधिक बल के उपयोग को सही ठहराने के लिए एक वैकल्पिक न्याय वितरण प्रणाली का प्रचार करने की साजिश रची और आम जनता में भय पैदा किया. उन्होंने विभिन्न धर्मों और समूहों के सदस्यों के बीच दुश्मनी पैदा करके, सद्भाव के लिए हानिकारक, सार्वजनिक शांति को बाधित करने और एक विशेष वर्ग के लिए सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या करके भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने की साजिश रची.


छापेमारी के दौरान जब्त की गई एक 'हिट-लिस्ट' से पता चलता है कि पीएफआई (PFI) समुदाय के बीच अशांति पैदा करने में बहुत आगे निकल गया था. एजेंसी ने कहा कि और सबूत प्राप्त करने व समाज में जारी हिंसा को रोकने के लिए और जांच की आवश्यकता है. रिपोर्ट में दो आरोपियों की भूमिका का एक और संदर्भ है, जिन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्होंने शुक्रवार को राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान भी किया. एनआईए (NIA) ने कहा कि उन्हें जमानत देने पर वे फरार हो जाएंगे और सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे. 


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