जम्मू: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को आतंकियों के साथ पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह समेत छह आरोपियों के खिलाफ जम्मू में चार्जशीट फाइल कर दी. चार्जशीट के मुताबिक आरोपी डीएसपी दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारियों के संपर्क में था.


राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को जम्मू की एनआईए की विशेष अदालत में जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीएसपी देवेंद्र सिंह, हिज्बुल आतंकी नावेद बाबू और रफ़ी अहमद राथर, इरफ़ान शफी मीर, तनवीर अहमद वाणी और सईद इरफ़ान अहमद के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी.


गौरतलब है कि इस मामले में पहली एफआईआर 11 जनवरी, 2020 को जम्मू कश्मीर पुलिस ने दर्ज की थी जब पुलिस ने श्रीनगर से जम्मू जा रही एक आई-20 कार से हिज्बुल के दो आतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि देवेंद्र सिंह इन दो आतंकियों को कश्मीर से जम्मू ले जा रहा था. इस गाड़ी में कश्मीर पुलिस को 1 ऐके 47 राइफल, 3 पिस्तौल और कुछ गोला-बारूद भी बरामद हुआ था.


चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी देवेंद्र सिंह दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी हाई कमीशन के कुछ अधिकारियों से कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए संपर्क में था. जांच में सामने आया कि पाकिस्तानी अधिकारी उसे कुछ संवेदनशील जानकारियां जुटाने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.


डीएसपी के साथ गिरफ्तार जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व कांस्टेबल नावेद बाबू, जो पुलिस फॉर्स से अपना हथियार लेकर भगोड़ा हो गया था, ने कई मासूम लोगों की जान ली है. इसके साथ ही नावेद युवकों को हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल करवाने का काम भी करता था.  इस काम के लिए नावेद को पाकिस्तान और कश्मीर के बीच जारी एलओसी व्यापार संघ के पूर्व अध्क्षय तनवीर अहमद वाणी, जो एनआई की गिरिफ्त में है, पैसा देता था. इसके साथ ही आरोपी इस एलओसी व्यापार के ज़रिए पाकिस्तान से हथियार और गोलाबारूद भी भारत लाते थे, जिसे बाद में आतंकियों तक पहुंचाया जाता था.


इस मामले में देवेंद्र सिंह के साथ गिरफ्तार इरफान शफी मीर, जो पेशे से वकील हैं, अपने पाकिस्तान दौरे के दौरान हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कई कमांडरों से मिला था और उसे कश्मीर में  पैसे आतंकियों तक पहुंचाने के लिए नए हवाला के ज़रिए का पता लगाने का काम दिया गया था.


जांच में सामने आया है कि दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी शफी मीर को लगातार पैसा दे रहे थे जिसके एवज में वो भारत सरकार के खिलाफ लोगों को सेमिनार के ज़रिए जमा करता था. शफी मीर को पाकिस्तान हाई कमीशन से कश्मीरी युवाओं के पाकिस्तान जाने के लिए वीज़ा प्रक्रिया आसान करने के बदले में भी पैसे मिलते थे.


इस चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि हिज्बुल आतंकी नावेद मुश्ताक़ को सुरक्षाबलों से बचाने के लिए डीएसपी देवेंद्र सिंह ने इरफ़ान शफी के साथ मिल कर उसके जम्मू में छिपने का इंतेज़ाम भी किया था.


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