नई दिल्ली: आतंकियों से संबंध रखने और उन्हें सहायता पहुंचाने के आरोप में जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह समेत 6 लोगों के खिलाफ एनआईए ने जम्मू-कश्मीर की विशेष अदालत के सामने आरोप पत्र दाखिल किया है. आरोप पत्र में बताया गया है कि निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के संपर्क में भी था.


आरोप पत्र जिन लोगों के खिलाफ दाखिल किया गया है, उनमें निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह के अलावा आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी सैयद नावेद मुस्ताक उर्फ नावेद बाबू, रफी अहमद राथर के अलावा नावेद बाबू का भाई सैयद इरफान अहमद, जम्मू कश्मीर का एक्स एलओसी ट्रेडर तनवीर अहमद वानी और इरफान सैफी मीर के नाम शामिल हैं


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया की जम्मू कश्मीर पुलिस ने पिछले साल अपने ही डीएसपी देवेंद्र सिंह को आतंकवादियों के साथ उसकी ही गाड़ी से गिरफ्तार किया था. इन लोगों के पास से गोला बारूद भी बरामद हुआ था, बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी और एनआईए ने इस मामले की जांच के दौरान जम्मू कश्मीर में 15 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी और गोला बारूद समेत अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए थे.


एनआईए ने जांच के दौरान कुछ गिरफ्तारियां भी की थीं. एनआईए को जांच के दौरान पता चला की हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर सैयद सलाउद्दीन, उसके सहयोगी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के जरिए बड़ी साजिश रचने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए आतंकी फंडिंग भारत में भेजने के लिए नए हवाला रास्तों की तलाश भी कर रहे हैं.


जांच में यह भी पता चला कि आरोपी इरफान सैफी मीर उर्फ वकील ने पाकिस्तान जाकर हिज्बुल मुजाहिदीन के बड़े कमांडरों से मुलाकात की थी. इस दौरान शफी मीर ने आतंकवादी सरगना एहसान चौधरी, उमर चीमा, सोहेल अब्बास तथा अन्य लोगों से मुलाकात की थी. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे नए हवाला रास्तों की पहचान करने और इन रास्तों को सक्रिय बनाए रखने के का काम सौंपा था. इसके पीछे उनका मकसद आतंकवादी गतिविधियों के लिए जम्मू कश्मीर में आतंकी फंडिंग मुहैया कराना था.


जांच में यह भी पता चला कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ अधिकारी भी इरफान सैफी अमीर के संपर्क में थे जांच में अभी पता चला कि इरफान सैफी अमीर को पाकिस्तान से दिशा निर्देश और आतंकी फंडिंग दोनों मिलती थी साथ ही उसे दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से वीजा आवेदनों की सुविधा भी प्राप्त थी यानी वह जिसे चाहता था उसे पाकिस्तानी दूतावास से कहकर पाकिस्तान का वीजा दिलवा देता था.


एनआईए के आला अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर का निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह पाकिस्तानी हाई कमीशन के कुछ अधिकारियों के संपर्क में था और पाकिस्तानी अधिकारी उसके जरिए संवेदनशील जानकारियां निकालने की कोशिश भी कर रहे थे.


जांच से पता चला कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व कांस्टेबल नावेद बाबू जम्मू कश्मीर की अनेक आतंकी घटनाओं में शामिल था साथ ही नावेद गुमराह युवकों को आतंकी संगठन में भर्ती कराने का काम भी कर रहा था. तनवीर अहमद बानी जो इस मामले का एक अन्य आरोपी है वह एलओसी ट्रेडर्स एसोसिएशन जम्मू कश्मीर का पूर्व अध्यक्ष था और उसने आतंकी फंडिंग के लिए हवाला का पैसा जम्मू-कश्मीर लाने में अहम भूमिका निभाई थी.


एनआईए के आला अधिकारी ने बताया कि निलंबित डीएसपी देवेंद्र सिंह ने इन लोगों को यह आश्वासन दिया था कि वह हथियारों को लाने ले जाने में तथा अन्य संरक्षण प्रदान करने में अपनी भूमिका अदा करेगा. यही कारण है कि वह इन आतंकियों तथा गोला बारूद को खुद अपनी गाड़ी में रख कर ले जा रहा था. एनआईए ने अपना आरोप पत्र आज कोर्ट के सामने पेश कर दिया है और मामले की जांच अभी भी जारी है.


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