राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान से भारत में हेरोइन की तस्करी कर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को फंडिंग करने वाले बड़े नार्को-टेरर नेटवर्क में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इनमें चार आरोपी अभी भी फरार हैं.

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ये मामला साल 2020 का है. जब पाकिस्तान से समंदर के रास्ते गुजरात में करीब 500 किलो हेरोइन की तस्करी की गई थी. इन ड्रग्स की बिक्री से मिली रकम का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन की फंडिंग में किया जा रहा था.

ड्रग्स और टेरर फंडिंग नेटवर्क को लेकर NIA ने दिया बयान

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NIA ने कहा कि ये पूरा ड्रग्स और टेरर फंडिंग का नेटवर्क कई देशों तक फैला हुआ था. जिसकी कड़ियां इटली, ऑस्ट्रेलिया, UAE, पाकिस्तान, ईरान और थाईलैंड तक जुड़ी थीं. इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड इटली में रहने वाला सिमरनजीत सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला तनवीर बेदी और भारत के पंजाब का अंकुश कपूर था. तीनों ने मिलकर पाकिस्तान से ड्रग्स मंगवाने, भारत में उसे स्टोर करने, आगे बेचने और उससे मिलने वाले पैसों को आतंकी संगठनों तक पहुंचाने की साजिश रची थी.

NIA की चार्जशीट में शामिल आठ आरोपियों के नामः

  • सिमरनजीत सिंह संधू (इटली)
  • तनवीर सिंह बेदी (ऑस्ट्रेलिया)
  • अंकुश कपूर (भारत)
  • तारीक उर्फ भाईजान (पाकिस्तान)
  • गगनदीप सिंह अरोड़ा
  • तमन्ना गुप्ता
  • सुखबीर सिंह उर्फ हैप्पी
  • अनवर मसीह

इनमें से चार आरोपी, सिमरनजीत, तनवीर बेदी, गगनदीप अरोड़ा और तारीक उर्फ भाईजान अभी फरार हैं.

नेटवर्क में किसकी क्या थी भूमिका, NIA ने किया खुलासा

NIA की जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान से हेरोइन की बड़ी खेप नावों के जरिए गुजरात लाई जाती थी. वहां से उसे पंजाब और दिल्ली तक पहुंचाया जाता था. भारत में इसका नेटवर्क अंकुश कपूर संभालता था, जो पंजाब में ड्रग्स के स्टोरेज और लोकल डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी देखता था.

वहीं, पाकिस्तानी नागरिक तारीक उर्फ भाईजान पूरे ऑपरेशन की निगरानी करता था. पाकिस्तान से हेरोइन लाने, भारत में उतारने और उसकी बिक्री से मिले पैसे को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लोगों तक पहुंचाने का काम उसी के जिम्मे था.

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला तनवीर बेदी हवाला चैनल्स के जरिए ड्रग्स के पैसों को विदेशों में ट्रांसफर कराता था. इसके अलावा गगनदीप सिंह अरोड़ा, जो हवाला ऑपरेटर है, अवैध पैसों के ट्रांसफर में अहम भूमिका निभाता था. वहीं, तमन्ना गुप्ता, सुखबीर सिंह और अनवर मसीह पर भी आतंकियों को फंडिंग में मदद करने के आरोप लगे हैं.

गुजरात ATS के बाद NIA ने अब तक दाखिल की 8 सप्लीमेंट्री चार्जशीट

इस मामले में गुजरात ATS ने सबसे पहले चार्जशीट दाखिल की थी. बाद में NIA ने जांच अपने हाथ में लेकर अब तक कुल आठ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर दी है. अब तक 26 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि 8 मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं.

NIA का कहना है कि वो इस पूरे अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स-टेरर नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश में जुटी है. एजेंसी फरार आरोपियों का पता लगाने और नार्को-टेरर कनेक्शन को पूरी तरह तोड़ने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.

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