प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चंडीगढ़ जोनल यूनिट ने 30 सितंबर, 2025 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2.85 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अटैच की है. ये कार्रवाई PMLA के तहत की गई है. मामला एक साइबर ठगी से जुड़ा है, जिसमें आरोपियों ने विदेशी नागरिकों को ठगकर करीब 11.50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी.

Continues below advertisement

ED ने ये जांच हरियाणा पुलिस की एक FIR के आधार पर शुरू की थी. ये FIR एक अमेरिकी नागरिक की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें विक्रमजीत सिंह और अंचल मित्तल समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा?

Continues below advertisement

ईडी की जांच में सामने आया है कि विक्रमजीत सिंह और अंचल मित्तल ने मिलकर एक फर्जी कॉल सेंटर बनाया था. इस कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग बैंक ऑफ अमेरिका के कर्मचारियों के रूप में खुद को पेश करते थे. उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक के कंप्यूटर में अवैध तरीके से एक्सेस लेकर उससे करीब 11.54 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. इस पैसे से उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और बाद में उसे बेचकर उसका पैसा अलग-अलग बैंक खातों के जरिए घुमा दिया. ये खाते विक्रमजीत के रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम पर थे.

जांच में ये भी सामने आया कि ठगी से कमाया गया पैसा नकद के रूप में भी इस्तेमाल किया गया. इससे विक्रमजीत सिंह ने अपने परिवार के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदी, कई लोगों को लोन दिए और कुछ बिल्डर्स को अडवांस पेमेंट भी की.

किन-किन संपत्तियों पर गिरी ईडी की गाज

ED ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें विक्रमजीत सिंह के माता-पिता सरिता देवी और जसबीर सिंह के नाम पर खरीदी गई दो प्रॉपर्टी शामिल है, जिसकी कुल कीमत 1.26 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, 1.58 करोड़ रुपये की एफडीआर और बैंक बैलेंस भी अटैच किए गए है.

इससे पहले, 29 जुलाई 2025 को ईडी ने विक्रमजीत सिंह और उसके साथियों के घरों पर छापेमारी की थी. उस दौरान कई डिजिटल डिवाइस और जरूरी दस्तावेज बरामद किए गए थे. साथ ही, 43.58 लाख रुपये के बैंक बैलेंस को भी फ्रीज किया गया था.

ठगी के नेटवर्क में कई अन्य लोग हो सकते हैं शामिल- ईडी

ईडी का कहना है कि इस मामले में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों से ठगी करने का नेटवर्क काफी बड़ा है और इसमें कई लोग शामिल हो सकते है. एजेंसी फिलहाल पैसों के ट्रांजैक्शन की पूरी चेन का पता लगा रही है. जांच अभी जारी है और जल्द ही इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः 'कोई हेराफेरी नहीं हो रही', एअर इंडिया प्लेन हादसे की जांच पर बोले नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू