Arun Kumar Mishra On Unity Of Country: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India ) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा (Arun Kumar Mishra)  ने शुक्रवार को कहा कि हमें रोजाना की दिनचर्या में हिंदी और अन्य भाषाओं का उपयोग जरूर करना चाहिए. अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार ने कहा कि देश की “सांस्कृतिक एकता और अखंडता” के लिए दैनिक जीवन में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें जीवित रखना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. जिसके लिए हमें अपनी भारतीय भाषाओं को महत्वता देनी चाहिए. 


अरुण कुमार मिश्रा शुक्रवार को सितंबर 2022 में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित हुए कई विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने हमें देश की “सांस्कृतिक एकता और अखंडता” का मुद्दा उठाया. मिश्रा ने लोगों से जोर देकर हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कहा.  


भाषाओं को देनी चाहिए महत्वता 
न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि किसी देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भाषाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा इसलिए, देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता के लिए हमारे दैनिक जीवन में उनके उपयोग को बढ़ावा देकर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना आवश्यक है. इसके साथ ही हमें अपनी भाषाओं को महत्वता देनी चाहिए.


मिश्रा ने लोगों से यह भी कहा कि जब हमारी संस्कृत भाषा और भारतीय साहित्य का विदेशों में लाभ उठाया जा रहा है तो हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम भी अपनी भाषाओं के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक एकता और अखंडता की रक्षा करनी चाहिए और इसे दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए. जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में अरुण कुमार के अलावा आयोग के सदस्य श्री राजीव जैन, आयोग के महासचिव श्री डी. के. सिंह, और अनीता सिन्हा सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे. 


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