पटना: सृजन घोटाले को लेकर बिहार की राजनीति में संग्राम छिड़ गया है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर घोटाला दबाने का आरोप लगाया है. लालू के बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज भागलपुर में एक सभा करने वाले थे लेकिन वहां धारा 144 लगा दी गई. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है.


लालू ने आज रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश पर आरोप लगाते हुए कहा, ''नीतीश कुमार इस घोटाले से बचने के लिए बीजेपी की शरण में गए हैं.'' उन्होंने कहा, ''नीतीश तेजस्वी की सभा से डर गए थे इसलिए उन्होंने वहां धारा 144 लगा दी.''


भागलपुर के सबौर में होनी थी तेजस्वी की सभा


दरअसल भागलपुर के सबौर में जहां सृजन घोटाले का खुलासा हुआ था, वहां आज बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की आज सभा होनी थी. लेकिन वहां धारा 144 लगा दी गई है. इस वजह से तेजस्वी की सभा नहीं हो पाई. इसको लेकर अब लालू यादव और उनकी पार्टी नीतीश सरकार पर हमला बोल रही है. आरजेडी का कहना है कि घोटाले को दबाने के लिए नीतीश ऐसी साजिश रच रहे हैं.


ट्वीट कर साधा निशाना


लालू ने आज एक के बाद एक ट्वीट कर नीतीश पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''भागलपुर के जिस जगह सबौर में 2000 करोड़ का सृजन घोटाला हुआ, वहां आज तेजस्वी की सभा होनी थी लेकिन नीतीश ने डर के मारे रद्द करवा दी.'' लालू ने आगे कहा, ''नीतीश कुमार तो कुछ जानता ही नहीं. 13 साल से मुख्यमंत्री है और 1000 करोड सरकारी ख़ज़ाने का रुपया NGO में चला गया. वाह.''



आरजेडी का दावा- 2500 करोड़ का है घोटाला


भागलपुर में सृजन एनजीओ घोटाला सामने आने के बाद अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तेजस्वी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी को घेर रहे हैं. सृजन घोटाले की जांच में अब तक 600 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई हैं, जबकि आरजेडी का दावा है कि घोटाला 2500 करोड़ का है.


क्या है सृजन घोटाला?


दरअसल बिहार के भागलपुर जिले में एक सृजन नाम का एनजीओ है. जिसे साल 1996 में महिलाओं को काम देने के मकसद से शुरु किया गया था. तीन अगस्त को 10 करोड़ के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद इस एनडीओ में घोटाला होने का मामला सामने आया. छानबीन में पता चला चला कि जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से सरकारी पैसा निकाल कर एनजीओ के खाते में डाला गया. मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फ़ानन में पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने एसआईटी का गठन करके इस मामले से जुड़े लोगों के घर और सृजन एनजीओ के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इस मामले में अभी तक सात एफआईआर दर्ज हुई हैंस जिनके आधार पर 10 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.



करोड़ों में खेलने वाला मनोरमा देवी का सृजन एनजीओ क्या है?


भागलपुर के सबौर प्रखंड से सृजन नाम का एक एनजीओ चलता है. महिलाओँ को काम देने के उद्देश्य से 1996 में ये एनजीओ मनोरमा देवी ने बनाया था. दो साल बाद इसे जिला स्तरीय मान्यता मिलने से फंड मिलने शुरू हो गए. सृजन एनजीओ के पास को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेन्स भी मौजूद है. शुरूआत में महिलाओं को पापड़, मसाले जैसी चीजें बनाने का काम देती थी, लेकिन बीते बीस साल में बेसन, दाल से लेकर ढेरों चीजें यहां बनाई जाती थीं.


एनजीओ की मौजूदा सचिव प्रिया कुमार फरार


2009 से पैसे की हेराफेरी का मामला शुरू हुआ था. इसमें मनोरमा देवी का नाम सामने आ रहा है, जिनकी इसी साल फरवरी में मौत हो चुकी है. एनजीओ की मौजूदा सचिव मनोरमा की बहु प्रिया कुमार हैं जो फरार हैं. मामले के राजनैतिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं.



सरकारी पैसे को रियल इस्टेट में लगाने का आरोप


आरोप है कि सरकारी पैसे को निकाल कर उसे रियल इस्टेट में लगाया गया. साथ ही सरकारी पैसे को अवैध तरीके से निकाल कर लोगों को कर्ज पर दिया गया. सरकारी बैंक खाते से एनजीओ के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर की करोड़ों की राशि विभिन्न राज्यों और शहरों में भेजे जाने की बात सामने आ रही है. आरजेडी ने इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लपेटने की तैयारी कर ली है.