नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता और लाल सागर में संवेदनशील स्थिति के बीच कहा कि भारतीय नौसेना को राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए हर समय युद्ध की दृष्टि से तैयार रहना चाहिए.


यहां नौसेना मुख्यालय में तैनात अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा माहौल और नौसेना द्वारा अपेक्षित परिणामी कार्रवाइयों के बारे में गहराई से जानकारी ली.


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की समुद्री शक्ति की प्राथमिक अभिव्यक्ति के रूप में, 'भारतीय नौसेना का उद्देश्य कभी भी, कहीं भी, किसी भी तरह राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए हर समय युद्ध के लिए तैयार रहना है.'


नौसेना प्रमुख ने मंगलवार  (22 मई) अधिकारियों को संबोधित करते हुए सरकार की आत्म-निर्भरता पहल की ओर भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता भी दोहरायी.


एडमिरल त्रिपाठी ने एक उत्तरदायी रक्षा बल बने रहने के लिए समुद्री क्षेत्र में मौजूदा और उभरती चुनौतियों का समाधान करने के वास्ते घरेलू समाधान खोजने, नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर दिया.


उन्होंने नौसेना मुख्यालय में तैनात मध्यम और वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों से कहा कि उन्हें समाधान प्रदाता बनने पर जोर देना है.


नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि एडमिरल त्रिपाठी ने नौसेना द्वारा सौंपे गए सभी कार्यों को पूरा करने में कर्मियों द्वारा दिखाए गए समर्पण और पेशेवर रवैये की तारीफ की.


पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना ने लाल सागर के आसपास रणनीतिक रूप से अहम समुद्री क्षेत्र में कई मालवाहक जहाजों पर हमले के बाद उन्हें सहायता मुहैया करायी है.


हूती आतंकवादी इजराइल पर गाजा में सैन्य अभियान रोकने का दबाव बनाने के लिए लाल सागर में मालवाहक जहाजों को निशाना बनाते रहे हैं.


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