मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. एनसीपी के बागी नेता अजित पवार के समर्थन से बीजेपी ने सरकार तो बना ली लेकिन अभी पार्टी को विधानसभा में बहुमत परीक्षण करना बाकी है. इसी बीच अजित पवार के समर्थन में गए अधिकतर बागी विधायक शरद पवार के खेमे में लौट आए हैं या सोशल मीडिया के जरिए शरद पवार के साथ होने की बात कही है.


इससे पहले एनसीपी की मीटिंग में अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है और जयंत पाटील को फिलहाल यह जिम्मेदारी दी गई है. अजित पवार को पार्टी से निकाला भी जा सकता था या उनपर कड़ी कार्यवाई की जा सकती थी लेकिन पार्टी नेता लगातार उन्हें मनाने में जुटे है.


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यहां सवाल ये है कि पार्टी के अधिकतर नेता अजित पवार को क्यों मनाने के पीछे पड़े है. इसकी वजह है राज्यपाल के पास आधिकारिक तौर पर अजित पवार के एनसीपी विधायक दल के नेता होने का पत्र. बता दें कि भले ही एनसीपी ने अपनी मीटिंग में एनसीपी विधायक दल का नेता जयंत पाटील को नियुक्त किया है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के पास इस संबंध में आधिकारिक पत्र नहीं है.


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कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने बताया कि राज्यपाल को पत्र लिखकर बताया गया है कि एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटील है और अजित पवार को कोई अधिकार नहीं है. अजित पवार ने धोखे से समर्थन पत्र बीजेपी को दिया है. वहीं, अजित पवार ट्वीट कर अपने आप को एनसीपी नेता और शरद पवार को अपना नेता बता रहे हैं और साथ ही एनसीपी-बीजेपी के स्थिर सरकार की बात भी कर रहे हैं.


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बीजेपी के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 170 के करीब विधायकों का समर्थन है. यह तभी संभव है जब बीजेपी के 105, सहयोगी दल, निर्दलीय विधायको के अलावा एनसीपी के विधायक बीजेपी के साथ आते हैं. एनसीपी के नेताओं को डर है कि अगर अजित पवार के यही बागी तेवर रहे तो पार्टी टूट भी सकती है. ये भी वजह है कि एनसीपी के नेता लगातार अजित पवार को मनाने की कवायद में जुटे हुए हैं.