Sameer Wankhede: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने आर्यन खान ड्रग केस पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में उन्होंने जिक्र किया है कि एनसीबी के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी की सालाना आय करीब 22.75 लाख रुपये है. हालांकि उनके पास चार फ्लैट, प्लॉट और महंगी घड़ियां हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से एक घड़ी की कीमत 22 लाख रुपये है.


ज्ञानेश्वर सिंह ने रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वानखेड़े विदेश में लंबी छुट्टियों पर जाते हैं. इसके साथ ही ब्रिटेन में रहने के दौरान वानखेड़े 19 दिनों के लिए केवल 1 लाख रुपये का भुगतान करते हैं. घड़ी का कारोबार करने वाले विराल रंजन उनके अधिकांश खचरें का भुगतान करते हैं.ज्ञानेश्वर सिंह की रिपोर्ट में कहा गया,ट्रैवल एजेंट ने इसके लिए योजनाएं क्यों बनाईं और एसईटी को ऐसी बात की सूचना क्यों नहीं दी गई और लेन-देन के प्रति किसी भी संदेह को स्पष्ट नहीं किया गया? 


22 लाख रुपये की खरीदी थी घड़ी 
रिपोर्ट में यह बताया गया कि मामले में एक और संदिग्ध लेनदेन है. उन्होंने बताया कि वानखेड़े ने विरल रंजन नाम के व्यक्ति को चार घड़ियों को 7 लाख 40 हजार रुपये में बेचा. इसका भुगतान चेक से वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर को किया गया था. इन महंगी घड़ियों की खरीद का तरीका संदिग्ध है. इन घड़ियों की कोई रिपोर्ट नहीं की गई है. यह संदेह उठाना भी सही है कि बेची गई घड़ियों के लिए का वानखेड़े को तुरंत भुगतान कैसे मिला. इसके साथ ही उन्हें 22 लाख रुपये की नई घड़ी खरीदने के लिए क्रेडिट की सुविधा की सुविधा कैसे मिली.रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में वानखेड़े ने एक रोलेक्स घड़ी खरीदी थी और उस खरीद के दो चालान थे. एक 22,05,000 रुपये का और दूसरा चालान 20,53,200 रुपये का था. डीडीजी ने दोनों चालानों की सचाई पर सवाल उठाए हैं.


विरल रंजन और वानखेड़े ने कहा कि घड़ी को वानखेड़े ने 17,40,000 रुपये में खरीदा था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि एक महंगी घड़ी वानखेड़े को एमआरपी से कम कीमत पर विरल रंजन ने क्यों बेची गई. इसके साथ ही विरल रंजन वही व्यक्ति है, जिसने परिवार के साथ वानखेड़े की मालदीव की निजी यात्रा का खर्च उठाया था.


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