NCW Chief Welcomes SC's Divorce Ruling: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार (1 मई) को सुप्रीम के उस फैसले का स्वागत किया. इस फैसले के तहत कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि जीवन साथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर किसी शादी को खत्म किया जा सकता है.


इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट  अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है. एनसीडब्ल्यू चीफ ने कहा कि इस फैसले से महिलाओं को जिंदगी में आगे बढ़ने और अपने भविष्य के बारे में योजना बनाने का मौका मिलेगा.


'जिंदगी में आगे बढ़ने का मिलेगा मौका'


रेखा शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं फैसले का स्वागत करती हूं. अगर आपसी सहमति से अलगाव होता है तो महिलाओं को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने और भविष्य के बारे में योजना बनाने का मौका मिलेगा.’’


उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 मई) को व्यवस्था दी कि वह जीवन साथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर किसी शादी को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है.


संविधान का अनुच्छेद 142 शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित किसी मामले में ‘संपूर्ण न्याय’ करने के लिए उसके आदेशों के क्रियान्वयन से संबंधित है.


क्या कहा कोर्ट ने ?


जस्टिस एस के कौल की अध्यक्षता वाली पांच जज की बेंच ने कहा, ‘‘हमने अपने निष्कर्षों के अनुरूप, व्यवस्था दी है कि इस अदालत के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है. यह सरकारी नीति के विशिष्ट या बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं होगा.’’


शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए "शादी टूटने के न सुधारे जा सकने वाले हालातों" के आधार पर शादी को भंग कर सकती है.


कोर्ट ने आगे कहा कि आपसी रजामंदी से तलाक के लिए 6 महीने की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि को शर्तों के अधीन खत्म किया जा सकता है.


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