Annapoorani Movie: या तो उनकी नीयत में खोट है या फिर उनके ज्ञान का सिक्का ही खोटा है, लेकिन अन्नपूर्णी फिल्म में खोट तो है. क्या भगवान राम सच में मांसाहारी थे या फिर नीयत और ज्ञान में खोट रखने वालों ने किसी साजिश के तहत उन्हें मांसाहारी बता दिया है.


ये सवाल या कहिए कि बवाल शुरू हुआ है एक फिल्म से, जिसका नाम है अन्नपूर्णी, द गॉडेस ऑफ फूड. फिल्म स्ट्रीम हो रही है नेटफ्लिक्स पर. इस फिल्म में अभिनेत्री नयनतारा और ऐक्टर जय संपत के बीच एक सीन है. उस सीन में जय संपत सीढ़ियां चढ़ते हुए नयनतारा को वाल्मीकि रामायण का एक श्लोक सुनाते हैं. वो कहते हैं कि


तौ तत्र हत्वा चतुरो महामृगान
आदाय मेध्यं त्वरिंत बुभुक्षितौ


जय संपत नयनतारा से कहते हैं-


''वाल्मीकि ने रामायण में कहा है कि जब वनवास में भूख लगी थी तब राम, लक्ष्मण और सीता ने जानवरों को मारकर पकाकर खाया था. रामायण में भी लिखा है कि उन्होंने नॉनवेज खाया था. रामजी तो विष्णु के ही अवतार हैं न.''


कहां और कैसे कर दिया फिल्म मेकर्स ने खेल?


अब इस फिल्म का ये सीन जो भी देखेगा, वो तो यही मान लेगा कि अन्नपूर्णी में वाल्मीकि रामायण के श्लोक के हवाले से कहा गया है तो ये सच ही होगा कि राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान भूख लगने पर जानवरों का शिकार करते थे और उन्हें खा जाते थे. हालांकि ये सरासर झूठ है. वाल्मीकि रामायण के श्लोक की जिन दो लाइनों का जिक्र कर राम, लक्ष्मण और सीता को मांसाहारी साबित किया गया है, उस पूरे श्लोक को फिल्म में तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.


गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद्वाल्मीकिय रामायण के प्रथम खंड के अयोध्याकांड के बावनवें सर्ग का आखिरी श्लोक यानी कि श्लोक संख्या 102 में लिखा है-


तौ तत्र हत्वा चतुरो महामृगान्
वराहमृश्यं पृषतं महारुरुम्।
आदाय मेध्यं त्वरिंत बुभुक्षितौ
वासाय काले ययतुर्वनस्पतिम्।।


गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद्वालमीकीय रामायण में इस श्लोक का हिंदी में जो अनुवाद लिखा है, उसे शब्दश: दिया जा रहा है. 


क्या है दावे की सच्चाई?


अनुवाद में लिखा है-


''वहां उन दोनों भाइयों ने मृगया-विनोद के लिए वराह, ऋष्य, पृषत् और महारुरु, इन चार महामृगों पर बाणों का प्रहार किया. तत्पश्चात जब उन्हें भूख लगी, तब पवित्र कंद-मूल आदि लेकर सायंकाल के समय ठहरने के लिए (वे सीताजी के साथ) एक वृक्ष के नीचे चले गए.''  


यानि कि असल वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकांड के 52वें सर्ग के श्लोक संख्या 102 में ये तो लिखा है कि भगवान राम ने मृग यानी कि हिरणों पर बाण चलाया, लेकिन ये नहीं लिखा है कि उन्होंने उनका मांस खाया. खाने के लिए भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने कंद-मूल ही खाए हैं. लेकिन ये अर्थ साफ तभी होगा जब आप पूरा श्लोक पढ़ेंगे. अन्नूपूर्णी बनाने वालों ने यहीं पर खेल कर दिया है.




आधा श्लोक बताया और आधा छुपाया!


सिनेमावालों ने श्लोक की पहली लाइन बोली है, जिसमें चार हिरणों को मारने का जिक्र है और फिर तीसरी लाइन जिसमें भूख लगने पर खाने का जिक्र है. लेकिन फिल्मवालों ने दूसरी लाइन में हिरणों के जो नाम लिखे हैं और चौथी लाइन में खाने के लिए कंद-मूल के जिक्र को सिरे से गायब कर दिया है. 


यही वजह है कि फिल्म बनाने वालों के ज्ञान से ज्यादा उनकी नीयत पर ही शक हो रहा है, क्योंकि जिसे संस्कृत के एक श्लोक की पहली और तीसरी लाइन का ज्ञान होगा, उसे उसी श्लोक की दूसरी और चौथी लाइन का भी तो ज्ञान होगा, लेकिन फिल्म में ऐसा हुआ नहीं है. और यही वजह है कि भगवान राम को अपना आराध्य मानने वालों ने अब फिल्म अन्नपूर्णी और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए दर्ज हुआ मुकदमा


इस वीडियो के रिकॉर्ड किए जाने तक मुंबई और जबलपुर दो जगहों पर अभिनेत्री नयनतारा समेत पूरी फिल्म के स्टार कास्ट, उसके प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज हो गया है. सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका है, जो इस फिल्म के साथ ही नेटफ्लिक्स को भी बैन करने की वकालत करने लगा है. 


अब देखना ये है कि क्या फिल्ममेकर्स अपनी गलती मानकर माफी मांगते हैं और उन दृश्यों को हटाते हैं, जिन्हें जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया है या फिर फिल्ममेकर्स के पास कोई और भी वाल्मीकि रामायण है, जिसमें वो अपनी बात को साबित करने की कोशिश करेंगे. जो भी होगा, उसके लिए करना होगा इंतजार.


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