दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने नेशनल हेराल्ड केस में नई FIR दर्ज की है. इस एफआईआर में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा 6 और नाम शामिल हैं. ईडी मुख्यालय की तरफ से EOW में शिकायत दर्ज कराने के बाद एफआईआर दर्ज की गई है.

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इस एफआईआर में साजिश के जरिए कांग्रेस से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का आरोप लगाया गया. ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के साथ शेयर की थी, जिसमें पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत अनुसूचित अपराध दर्ज करने की सिफारिश की गई. आरोप है कि यंग इंडियन कंपनी के जरिए एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कंट्रोल हासिल किया गया. 

एफआईआर में सैम पित्रोदा का भी नामइस एफआईआर में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा, 3 अन्य व्यक्ति और 3 कंपनियों के भी नाम हैं. Dotex कोलकाता की एक कथित शेल कंपनी है, जिसने यंग इंडियन को एक करोड़ रुपये दिए. इस लेनदेन से यंग इंडियन ने कांग्रेस को मात्र 50 लाख रुपये देकर एजेएल पर कब्जा कर लिया, जहां संपत्ति का मूल्यांकन 2,000 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है. 

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16 दिसंबर को होगी सुनवाईराउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार (29 नवंबर) को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने का फैसला फिर टाल दिया. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने अब यह आदेश 16 दिसंबर को सुनाएंगे. एजेंसी का आरोप है कि नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से जुड़ी वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं. 

अदालत ने नए आपराधिक कानून बीएनएसएस की धारा 223 का हवाला देते हुए कहा कि आरोपी को इस स्तर पर भी सुना जाना फेयर ट्रायल के लिए जरूरी है. कोर्ट ने साफ किया है कि ये प्रावधान पीएमएलए से टकराता नहीं है और पारदर्शिता को बढ़ाता है. ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, ये कोर्ट 16 दिसंबर को ये तय करेगी.

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