अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के बार-बार अपील करने के बावजूद अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. ट्रंप का कहना है कि वे 'थर्ड वर्ल्ड' से आने वाले लोगों को स्थायी रूप से रोकना चाहते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर अमेरिकी कानून Immigration and Nationality Act (INA) के सेक्शन 212(f) का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि वह किसी भी समूह या देश के लोगों के प्रवेश पर रोक लगा सकते हैं, अगर यह अमेरिका के हित में हो.
व्हाइट हाउस ने भी इसी कानून का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की पाबंदियां लागू कर सकते हैं. इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन पर और सख्ती दिखाते हुए अफगान पासपोर्ट रखने वाले सभी यात्रियों को वीजा जारी करना अस्थायी रूप से रोक दिया है. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने एक्स पर लिखा कि अफगान पासपोर्ट पर अब कोई वीजा जारी नहीं होगा. उनका कहना है कि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.
गोलीबारी के बाद लिया गया फैसला
यह कदम व्हाइट हाउस के पास बुधवार को हुई गोलीबारी के बाद उठाया गया, जिसमें दो नेशनल गार्ड सैनिक घायल हुए थे. बाद में इनमें से एक सिपाही, सारा बेक्सट्रम की मौत हो गई. अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लाकनवाल पर इस हमले का आरोप है और अब उस पर फर्स्ट-डिग्री मर्डर का मामला दर्ज किया जा रहा है. अभियोजन पक्ष कह रहा है कि मामले में आगे और गंभीर आरोप जोड़े जा सकते हैं, जिनमें डेथ पेनल्टी भी शामिल है.
अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने क्या कहा?
अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने भी कहा है कि फिलहाल शरण (asylum) से जुड़े मामलों पर कोई अंतिम फैसला नहीं दिया जाएगा. हर आवेदक की दोबारा सख्त जांच-पड़ताल होगी. अधिकारियों के अनुसार यह रोक तभी हटेगी जब यह सुनिश्चित हो जाए कि सभी आवेदकों की पूरी तरह जांच हो चुकी है.
ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिका अब उन देशों से माइग्रेशन रोकना चाहता है जिन्हें वह थर्ड वर्ल्ड कह रहे हैं. उनका कहना है कि इससे अवैध प्रवेश को खत्म किया जा सकेगा और देश की सुरक्षा मजबूत होगी.
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