नई दिल्ली: नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने सोनिया गांधी के बयान की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा था कि भारत सरकार और PSU के द्वारा सभी प्रकार के विज्ञापन देने पर पाबंदी की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि टीवी, प्रिंट और डिजिटल मीडिया को दिये जाने वाली सरकारी विज्ञापनों पर अगले दो साल तक के लिए रोक लगा दी जाए. एनबीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संकट के इस दौर में जब मीडिया के लोग अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. ऐसे में सोनिया गांधी की यह मांग निराशाजनक है.


दरअसल कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी ने कोरोना संक्रमण के आपातकाल के इस दौर में सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में सोनिया ने पीएम मोदी को कई सुझाव दिए थे. साथ ही लिखा था कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से दिए जाने वाले सभी विज्ञापनों पर दो साल के लिए रोक लगा दी जाए. सोनिया ने अपने पत्र में लिखा था कि इस दौरान टीवी, प्रिंट और डिजिटल मीडिया को कोई भी विज्ञापन न दिया जाए.


सोनिया गांधी की इस मांग का एनबीए की ओर से विरोध दर्ज कराया गया है. एनबीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंदी के कारण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापन राजस्व में कमी आई है.  दूसरी तरफ सभी उद्योगों और व्यवसायों के राष्ट्रव्यापी बंद के कारण वित्तीय संकट से पीड़ित है. इसके अलावा सभी समाचार चैनल अपने पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करने पर भारी खर्च कर रहे हैं. ऐसे समय में सोनिया गांधी की ओर से की गई यह मांग काफी निराशाजनक और अजीबोगरीब है.


एनबीए ने कहा है कि सोनिया गांधी को अपना यह सुझाव तुरंत ही वापस लेना चाहिए. एनबीए की ओर से कहा गया है कि सोनिया गांधी तुरंत ही अपने दो साल के इस बैन वाले सुझाव को तुरंत वापस लें. आपको बता दें कि पीएम मोदी को सुझाव देने के लिए सोनिया गांधी ने मंगलवार को पत्र लिखा था.