Nagaland-Tripura-Meghalaya Government Formation: पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों (नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा) में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. इन राज्यों के नतीजे 2 मार्च को घोषित किए गए थे. बीजेपी (BJP) गठबंधन को त्रिपुरा और नगालैंड में बहुमत मिला है. जबकि मेघालय में बीजेपी कोनराड संगमा (Conrad Sangma) को सपोर्ट कर रही है. जानिए पूर्वोत्तर के इन राज्यों के सरकार गठन से जुड़ी बड़ी बातें.


1. मंगलवार (7 मार्च) को मेघालय और नगालैंड में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा. त्रिपुरा में 8 मार्च को नई सरकार शपथ लेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार से पूर्वोत्तर के दो दिवसीय दौरे पर होंगे, इस दौरान वह क्षेत्र के तीन राज्यों में नई सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. 


2. असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने सोमवार को बताया कि वह राज्य में अपने रात्रि प्रवास के दौरान असम सरकार की एक कैबिनेट बैठक में भी शामिल होंगे. माणिक साहा एक बार फिर से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. माणिक साहा के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है. बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है. 


3. त्रिपुरा में बीजेपी के विधायक दल की बैठक में सोमवार को माणिक साहा को विधायक दल का नेता चुना गया. इससे पहले बीजेपी में माणिक साहा और केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के नामों को लेकर खूब मंथन हुआ.


4. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन ने 33 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है. जिसमें से बीजेपी को 32 सीटें और इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट पर जीत मिली. माणिक साहा ने सोमवार को राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात की.


5. मेघालय में कोनराड संगमा एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कोनराड संगमा की एनपीपी ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी. मेघालय में भारतीय जनता पार्टी दो सीट ही अपने नाम कर पाई. बीजेपी के साथ-साथ मेघालय में दो बड़े क्षेत्रीय दलों-यूनाइडेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) ने एनपीपी नीत गठबंधन को अपना समर्थन दिया है. 


6. इससे कोनराड संगमा की अगुवाई वाले गठबंधन समर्थक विधायकों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है. संगमा ने कहा कि एनपीपी को आठ और 11 विधायकों वाले सहयोगी दल यूडीपी को दो, जबकि दो-दो विधायकों वाली बीजेपी और एचएसपीडीपी को एक-एक मंत्री पद मिलेगा. इससे पहले दिन में अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) टिमोथी डी. शिरा ने 58 विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.  


7. नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी की सरकार बनने जा रही है. नेफियू रियो एक बार से राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और बीजेपी ने 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव 40-20 सीट बंटवारा फॉर्मूले के साथ लड़ा था और लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की.


8. एनडीपीपी को 25 और बीजेपी को 12 सीटों पर जीत मिली है. नगालैंड की नई सरकार विपक्ष-रहित सरकार की ओर बढ़ रही है क्योंकि लगभग सभी दलों ने एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है. चुनाव में एनसीपी ने सात सीट, एनपीपी ने पांच और नगा पीपुल्स फ्रंट, एलजेपी (रामविलास) और आरपीआई (आठवले) ने दो-दो सीट जीती. वहीं जेडीयू ने एक सीट, जबकि चार निर्दलीय भी जीते हैं.


9. ये पहली बार है जब नगालैंड राज्य विधानसभा चुनाव में इतने सारे राजनीतिक दलों की जीत का गवाह बन रहा है. एलजेपी (रामविलास) और आरपीआई (आठवले) राज्य की राजनीति में नए हैं. हालांकि एनडीपीपी-बीजेपी ने अभी तक सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया है, लेकिन उन्हें अन्य दलों से बिना शर्त समर्थन मिला है.


10. सूत्रों ने कहा कि एलजेपी (रामविलास), आरपीआई (आठवले), जेडीयू पहले ही गठबंधन सहयोगियों को समर्थन पत्र सौंप चुके हैं. एनसीपी ने भी शनिवार को रियो के नेतृत्व वाली एनडीपीपी को बिना शर्त समर्थन देने वाला एक पत्र सौंपा. एनपीएफ ने अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन पार्टी की ओर से सरकार को समर्थन देने की संभावना है. सभी राजनीतिक दलों के एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन का समर्थन करने के साथ ही नगालैंड में एक और सर्वदलीय सरकार होगी.


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