NCP Chief Sharad Pawar Accepts Neiphiu Rio Leadership: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने फैसला फैसला किया है कि उनकी पार्टी नगालैंड (Nagaland) में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) के नेतृत्व को स्वीकार करेगी और विपक्ष की भूमिका नहीं निभाएगी, जहां एनडीपीपी (NDPP) की सहयोगी बीजेपी (BJP) है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एनसीपी नगालैंड में सरकार का हिस्सा बनेगी या केवल बाहर से समर्थन करेगी. नगालैंड की राजनीति से जुड़े इस बड़े घटनाक्रम की जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी.


रिपोर्ट के मुताबिक, शरद पवार के इस फैसले का असर महाराष्ट्र की राजनीति पर होने की संभावना है क्यों वहां एनसीपी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के धड़े वाली शिवसेना के साथ गठबंधन में है. हाल में संपन्न हुए नगालैंड विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने सात सीटों पर जीत हासिल की है. यहां की एनसीपी इकाई और उसके सातों विधायकों ने 'राज्य के व्यापक हित' की बात करते हुए सरकार का समर्थन करने को लेकर राय बनाई थी, जिसके बाद एनसीपी प्रमुख का यह फैसला सामने आया है. 


विपक्ष में बैठने की तैयारी के बीच पवार ने लिया यह फैसला


एएनआई के मुताबिक, एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा ने फोन पर बताया था कि उनकी पार्टी नागालैंड विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए एक प्रस्ताव पेश करने पर विचार कर रही है. उसके बाद, पार्टी का यह कदम सामने आया है.


नरेंद्र वर्मा की ओर से बुधवार (8 मार्च) को एक विज्ञप्ति जारी की गई. इसके अनुसार, एनसीपी विधायक दल की पहली बैठक 4 मार्च को कोहिमा में हुई थी. उस वैठक में चर्चा हुई थी कि एनसीपी विधायक दल का नेता, उप नेता, मुख्य सचेतक, सचेतक और प्रवक्ता कौन होगा. विज्ञप्ति के मुताबिक, एनसीपी विधायक दल के नेता के रूप में पिक्टो शोहे (Er Picto Shohe), उपनेता के रूप में पी लोंगोन (P Longon), मुख्य सचेतक के रूप में नामरी नचांग (Namri Nchang), सचेतक के रूप में Y Mhonbemo Humtsoe और प्रवक्ता के रूप में एस तोइहो येप्थो (S Toiho Yeptho) को चुना गया था.


एनसीपी विधायक दल की बैठक में हुई थी चर्चा


विज्ञप्ति के अनुसार, इस बात को लेकर भी चर्चा हुई थी कि एनसीपी राज्य में सरकार का हिस्सा बनने जा रही है या मुख्य विपक्षी दल बनेगी. इसके बाद राज्य के व्यापक हित और सीएम नेफ्यू रियो के साथ अच्छे संबंध को लेकर राय बनाकर पार्टी इकाई और नवनिर्वाचित विधायकों ने फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार पर छोड़ दिया था. पवार ने मंगलवार (7 मार्च) को अपनी पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी की बात सुनने के बाद एन रियो का नेतृत्व स्वीकार करने का फैसला किया. इसी के साथ उन्होंने एनसीपी विधायक दल के नेता और अहम पदों पर चुने गए लोगों के नामों को भी मंजूरी दे दी. 


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