मुंबई: मुंबई के मुलुंड स्तिथ फोर्टिस अस्पताल में महज 6 दिन का आरजू आज जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. छह दिन के आरजू अंसारी के दिल मे तीन वॉल ब्लॉक और सुराक है. वहीं आरजू के दिल का एक तरफ का हिस्सा अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है. जिसके चलते आरजू को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में आरजू का इलाज कराना बेहद ज़रूरी है. आरजू के पिता अपने छह दिन के बेटे को बचाने के लिए ऐड़ी- चोटी का दम लगा रहे हैं. लेकिन पैसे के अभाव के चलते आज आरजू के पिता बेबस हैं.


पेंटर हैं आरजू के पिता


पेशे से पेंटर अब्दुल ने अपने बेटे आरजू को इलाज के लिए मुंबई के फोर्टीस अस्पताल में एडमिट कराया है. आरजू के दिल के इलाज के लिए अब्दुल को 2.5 लाख से ज्यादा रुपये की ज़रूरत है. अब्दुल का कहना है की उन्होंने आरजू के आपरेशन के लिए अपनी बहन के बॉस से 50 हज़ार रुपए और उधार लिए हैं. अब्दुल ने आरजू के आपरेशन के लिए अपने दोस्तों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. इसी तरह लोगों से बातचीत कर अब्दुल ने जैसे तैसे 1 लाख 90 हजार रुपए इकट्ठा कर लिया है.


एक लाख से ज्यादा की है जरूरत


अब्दुल की इतनी कमाई नहीं है कि उनके पास सेविंग्स हो. अपनी बहन और दोस्तों से मदद मांगकर अब्दुल ने कुछ रकम जमा तो कर ली है लेकिन अब्दुल उतना नहीं जमा कर पाए हैं. जिससे वे अपने बेटे को बचा पाएं. अब्दुल को अभी भी एक लाख रुपए से ज़्यादा की रकम जमा करना है. तभी ही आरजू का ऑपरेशन हो पाएगा. अब्दुल का कहना है 'समझ नहीं आ रहा के अब किसके आगे हाथ फैलाएं. आरजू की एक सर्जरी हुई है. डॉक्टरों का कहना है अब भी आरजू के बचने की 20 से 25 फ़ीसदी उम्मीद है. फोर्टिस में आरजू का इलाज जारी है और मुझे अपने बेटे को बचाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है. अब भी एक हफ्ते से ज्यादा आरजू का इलाज अस्पताल में चलेगा ऐसे में फोर्टिस जैसे प्राइवेट अस्पताल का बिल कैसे भरूंगा इसकी चिंता भी सता रही है.' लेकिन अब्दुल का कहना है कि उन्होंने अभी उम्मीद नहीं खोई है. अपनी नन्ही सी जान को वो किसी भी हाल में बचा कर रहेंगे इसके लिए चाहे उन्हें अपनी जान क्यों ना गवानी पड़े.


 आरजू को है ‘PAIVS’ नामक दिल की बीमारी


दरअसल आरजू के पैदा होने के तुरंत बाद पता चला कि आरजू ‘PAIVS’ नामक दिल से जुड़ी समस्या से ग्रस्त है. इस समस्या के कारण खून दिल तक जाने के लिए सामान्य रास्ते का इस्तेमाल नहीं करता और यह शरीर से बाहर निकलता है. शरीर की मुख्य धमनी से रक्त के गुजरने के दौरान उसमें सामान्य मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होता है जिस कारण बच्चे का सांस लेना मुश्किल हो जाता और वह नीला पड़ जाता है. इस स्थिति में सिर्फ एक ही विकल्प होता है कि गंभीर दुष्परिणामों से बचने के लिए तत्काल सर्जरी की जाए.


पिता ने लगाई मदद की गुहार


आरजू का जन्म सरकारी अस्पताल में हुआ था और पैदा होने के तत्काल बाद पता चला कि सांस लेने में उसको दिक्कत है. अस्पताल ने परिवार को सलाह दी कि उसे मुंबई के किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया जाए. इसके बाद परिवार के लोगों ने उसे फोर्टिस में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों द्वारा ओपेन हार्ट सर्जरी करने का फैसला किया गया.


अब्दुल ने सरकार सहित सभी से उनके 6 दिन के दिल के टुकड़े की जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई है. अब्दुल, नवी मुंबई के घनसोली इलाके में रहते हैं. तीन महीने से लॉकडाउन की वजह से पहले ही मुसीबतों का अंबार इनके सर पर गिरा हुआ है ऐसे में कर्ज लेकर भी बेटे की जान बचाने में असमर्थ हैं. अब्दुल को उम्मीद है कि कोई उनकी मदद के लिए आगे आएगा और उनके बेटे को एक नई जिंदगी देगा.