Man Convicted In Cyber Terrorism: मुंबई की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को एक 32 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर को साइबर आतंकवाद समेत अन्य आरोपों में दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही दोषी पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.


अनीस अंसारी को अक्टूबर 2014 में गिरफ्तार किया गया था. उस पर आरोप था कि उसने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक कंप्यूटर और इंटरनेट का सेवा इस्तेमाल कर अमेरिका में स्कूल को ब्लास्ट करने की साजिश रची थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ ए ए जोगलेकर ने अंसारी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ पठित धारा 115 (मृत्यु या आजीवन कारावास की सजा) के तहत भी दोषी ठहराया.


धारा 115 के तहत अनीस को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने कहा कि अंसारी को अपने निजी कार्यालय में आधिकारिक काम के लिए एक कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा प्रदान की गई थी और उसने आधिकारिक डिवाइस पर फेसबुक पर एक फर्जी अकाउंट बनाया था. 


ISIS की विचारधारा वाले आपत्तिजनक संदेश भेजे


महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने आरोप लगाया था कि 2 अगस्त 2011 से 10 अक्टूबर 2014 तक, अंसारी ने अपने फर्जी अकाउंट के जरिए लोगों से बातचीत की और आईएसआईएस (ISIS) की विचारधारा पर "आपत्तिजनक संदेश" भेजे ताकि देश में "एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो सके."


फेसबुक पर बनाया फेक अकाउंट


एटीएस के मुताबिक, अंसारी ने उसैरिम लोगान के नाम से एक प्रोफाइल बनाकर किसी अन्य व्यक्ति के साथ संवाद किया था और एक "लोन वुल्फ" हमले और मुंबई में उपलब्ध "कई टारगेट्स" पर चर्चा की थी. यह भी आरोप लगाया गया था कि उसने अमेरिकी स्कूल पर हमला करने के लिए थर्माइट बम के बारे में जानकारी हासिल की थी. कोर्ट ने कहा कि यह साइबर आतंकवाद के आरोप को साबित करता है. 


अंसारी के वकीलों, शरीफ शेख और कृतिका अग्रवाल ने कहा था कि यह साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि अंसारी ने आतंकी गतिविधियों को फैलाने के लिए अपने कार्यालय से इंटरनेट सेवाओं का उपयोग किया था या वह हमले को अंजाम देने की योजना बना रहा था. वकीलों ने इस आधार पर भी नरमी बरतने की मांग की कि वह आठ साल सलाखों के पीछे रहा था, एक गरीब परिवार से आया था और कथित कृत्य वास्तव में नहीं किया गया था.


क्या होता है साइबर आतंकवाद?


इंफॉर्मेशन सिस्टम, प्रोग्राम्स और डेटा पर कोई भी नियोजित, राजनीति से प्रेरित हमला जो हिंसक धमकी देता है या वास्तव में हिंसक कृत्यों का कारण बनता है उसे आमतौर पर साइबर आतंकवाद कहा जाता है. हमलावर अक्सर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट या खराब करके अपने मोटिव को पूरा करते हैं. 


कुछ समूहों और विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ साइबर हमले साइबर आतंकवाद के कृत्यों के रूप में योग्य हो सकते हैं. कुछ संगठनों के अनुसार, ऐसे हमले जिनका उद्देश्य व्यवधान पैदा करना या अपराधियों के राजनीतिक उद्देश्य को आगे बढ़ाना है, उन्हें साइबर आतंकवाद माना जा सकता है. कुछ उदाहरणों में टागरेट वह है जो साइबर आतंकवाद के हमलों को आम साइबर अपराध से अलग करता है: यहां तक ​​कि जब कोई शारीरिक खतरा या गंभीर वित्तीय नुकसान नहीं होता है, तब भी साइबर आतंकवाद के हमलों का मेन टारगेट लक्ष्यों को बाधित करना या चोट पहुंचाना होता है.


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