मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के एपीआई सचिन वाजे की टीम ने बुधवार को डीसी डिज़ाइन के फाउंडर दिलीप छाबरिया अंधेरी स्थित कार्यालय में रेड की. पुलिस की माने तो रेड के दौरान उन्हें पता चला कि 2016 से अब तक डीसी डिज़ाइन ने सिर्फ 127 नही बल्कि 463 डीसी अवंती स्पोर्ट्स कार. अधिकारियों को अब यह भी शक है कि 230 से ज्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल कर दिलीप छाबरिया ने नॉन बैंकिंग फायनांस सर्विसेज (एनबीएफसी) और प्राइवेट बैंक से लोन लिया है.


पुलिस कराएगी फोरेंसिक ऑडिट !
पुलिस की माने तो यह स्कैम अब और भी बड़ा होता जा रहा है और इसे बारीकी से समझने के लिए इस कंपनी के फाइनांशियल रिकॉर्ड्स को एनालाइज करना बेहद जरूरी है जिसके लिए अब एक्सपर्ट्स से इस कंपनी का फोरेंसिक ऑडिट करवाया जाएगा.


आरटीओ और एनबीएफसी की भूमिका संदेहास्पद ?
प्राथमिक जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला है कि लगभग 12 एनबीएफसी और दो प्राइवेट बैंकों ने डीसी डिज़ाइन को लोन गाड़ियां बनाने, खुद ही कि गाड़ी खुद खरीदने के लिए दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस पूरे लोन की प्रक्रिया में हमेंं कई खामियां नजर आई हैं जो कि एक कानूनी तौर से गलत है.


साथ ही पुलिस को रिजिनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) की भूमिका पर भी शक है क्योंकि अगर एक ही कंपनी एक ही चेसिस और इंजन नंबर की गाड़ियों को कई जगह रजिस्टर कर रहा है और ऐसा एक बार नही कई बार कर रहा है तो आखिर इन्हें अबतक इस बात का पता क्यों नही चला.


क्राइम ब्रांच की एक टीम अब डीसी डिज़ाइन के पुणे, गुरुग्राम, और हरियाणा में स्थित मैनुफेक्चरिंग यूनिट जाकर जांच पड़ताल करेगी. साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि डीसी डिज़ाइन गाड़ियों की मोडिफिकेशन करते समय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस को फॉलो करता था या नही. आपको बता दें कि गाड़ियों की मोडिफिकेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा को मद्दे नजर बहुत स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस बनाई है.


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