Mumbai Hoarding Collapse News: मुंबई के घाटकोपर इलाके के जिस पेट्रोल पंप पर हादसा हुआ उस पेट्रोल पंप के पास एनओसी (NOC) नहीं थी. सूत्रों ने बताया की नियमों के मुताबिक यह जमीन गृह विभाग की है, जिस पर रेवन्यू डिपार्टमेंट की इजाजत लेनी होती, लेकिन इस मामले में रेवन्यू डिपार्टमेंट की इजाजत (NOC) ना लेते हुए उस जगह का कमर्शियल इस्तेमाल कैसे हो रहा है. इसकी जानकारी पुलिस गृह निर्माण महामंडल से मांगी थी.
गलत जमीन पर बना था पेट्रोल पंप
इसके अलावा पुलिस गृह निर्माण महामंडल ने समय समय पर डीजीपी और रेलवे कमिश्नर को पत्र लिखकर पेट्रोल पंप के निर्माण काम को लेकर ऑब्जेक्शन लिया था. सरकार के निर्णय के मुताबिक इस जमीन पर सरकारी इमारत, एजुकेशन इंस्टीट्यूट या सरकारी कर्मचारियों के लिए घर बनाने के लिए रिजर्व है. पुलिसकर्मियों के लिए घर की कमी के चलते इस जगह पर उनके लिए घर बनाना जरूरी है. इसके लिए यहां पेट्रोल पंप नहीं बना सकते हैं. ऐसी रिपोर्ट भी पुलिस गृहनिर्माण मंडल ने दी थी.
सरकारी इजाजत के बिना ही बना पेट्रोल पंप
इसके बावजूद भी उस जमीन पर सरकार की इजाजत ना लेते हुए और पुलिस गृह निर्माण मंडल के रिपोर्ट के बावजूद वहां पेट्रोल पंप का काम शुरू किया गया. पुलिस गृह निर्माण और कल्याण महामंडल के ऑब्जेक्शन लेने के बाद उस समय के रेलवे कमिश्नर ने उस समय के डीजीपी से इजाजत मांगी और कहा कि इससे पुलिस वेलफेयर के लिए रेवेन्यू जनरेट हो सकता है.
डीजीपी रैंक के अधिकारी करेंगे जांच
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश गृहमंत्री ने दिए हैं. डीजीपी रैंक के अधिकारी को इस मामले की जांच के आदेश दिये गए हैं. इसके साथ ही इस मामले में फरार आरोपी की तलाश के लिए पुलिस ने 7 टीम बनाई है. इस घटना के बाद से ही इस मामले का मुख्य आरोपी भावेश भिंडे फरार है. उसके साथ ही उसके परिवार के लोग भी घर पर नहीं हैं. पुलिस जांच में भावेश का आखिरी लोकेशन लोनावाला में दिखा है.
ये भी पढ़ें : Amit Shah Rally: 'मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाओ गौहत्या करने वालों को उल्टा लटकाकर सीधा कर देंगे,' अमित शाह की चेतावनी